निर्भया रेप केस: SC ने खारिज की दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका, बरकरार रखी मौत की सजा

By: Pinki Wed, 18 Dec 2019 1:47:33

निर्भया रेप केस: SC  ने खारिज की दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका, बरकरार रखी मौत की सजा

निर्भया केस के दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर की रिव्यू पिटिशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि दोषी का गुनाह माफी लायक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में दोषी के वकील को पूरा मौका दिया गया लेकिन दोषी के वकील ने कोई नई बात नहीं की है। जस्टिस भानुमति जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये दलीलें हम पहले भी सुन चुके हैं।

इससे पहले बुधवार सुबह लगभग लगभग सवा एक घंटे तक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चली। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें ‘मानवता रोती’ है, यह मामला उनमें से एक है। मेहता ने कहा कि दोषी किसी भी तरह की उदारता का हकदार नहीं है और भगवान भी ऐसे ‘दरिंदे’ को बनाकर शर्मसार हो रहे होंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करती हैं।

इससे पहले जस्टिस भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोपहर 1 बजे तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। बहस के दौरान दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने अपने मुवक्किल को फोंसी नहीं देने की मांग की। सरकार की तरफ से पेश वकील एसजी तुषार मेहता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सभी दलीलों को सबूतों को परखने के बाद फांसी की सजा सुनाई, जो कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना। यह अपराध ऐसा गंभीर है जिसे भगवान भी माफ नहीं कर सकता जिसमें सिर्फ फांसी की सजा ही हो सकती है।

वही अक्षय की ओर से पेश हुए वकील एपी सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में अभी तक मीडिया प्रेशर है। इसके साथ ही एपी सिंह ने जांच पर सवाल उठाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट का फैसला आ चुका है, तब ये नया फैक्ट कहां से लाये? कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष आधे घंटे में बहस पूरी करें। एपी सिंह ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक और मीडिया का दबाव बेहद रहा है। एपी सिंह ने साथ ही गुरुग्राम के एक स्कूल में छात्र की हत्या का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में बेकसूर को फंसा दिया था। अगर सीबीआई की तफ्तीश नहीं होती तो सच सामने नहीं आता। इसलिए हमनें इस केस में भी CBI जैसी एजेंसी से जांच की मांग की थी।

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