अंतरिक्ष में रचा गया इतिहास, पहली बार दो महिलाओं ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर स्पेसवॉक किया
By: Pinki Sat, 19 Oct 2019 1:19:15
दुनिया की पहली महिला स्पेसवॉकिंग टीम ने नया इतिहास रच दिया है। क्रिस्टीना कोच और जेसिका मीर पावर नेटवर्क के खराब हिस्से को ठीक करने के लिए शुक्रवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से बाहर निकलीं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब बिना किसी पुरुष अंतरिक्ष यात्री के दो महिला अंतरिक्ष यात्रियों की जोड़ी ने स्पेसवॉक किया है। यह स्पेसवॉक पहले मार्च में होनी थी, लेकिन मध्यम आकार का कोई सूट न होने की वजह से इसे टालनी पड़ी थी। इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कोच ने मिशन और साथी अंतरिक्ष यात्री मीर को लीड किया। मीर मरीन साइंस में डॉक्टरेट हैं और यह उनका पहला स्पेसवाक है।
Today, history was made as @Astro_Jessica and @Astro_Christina successfully completed the first #AllWomanSpacewalk! For more than 7 hours, the duo worked in the vacuum of space to conduct @Space_Station maintenance. Get details: https://t.co/9y6Dq9OR7B. pic.twitter.com/2ZDXA2E5NE
— NASA (@NASA) October 18, 2019
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर दोनों महिला अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय समयानुसार (7:38 ईडीटी) शुक्रवार सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर आईएसएस से बाहर निकलीं। दोनों महिला अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेसवॉक शुरुआत अपने अंतरिक्ष सूट और सुरक्षा रस्सी की जांच से की। अंतरिक्ष यान के कैप्सूल कम्युमिनिकेटर स्टीफनी विल्सन ने कहा, ‘क्रिस्टीना, तुम इस एयरलॉक को हटा सकती हो।’ अभी तक अंतरिक्ष में 420 स्पेसवॉक हुए, जिसमें हर बार पुरुष किसी न किसी रूप में शामिल रहे हैं। मगर, 421वें स्पेसवॉक में यह इतिहास रचा गया, जब सिर्फ महिलाओं ने यह इबारत लिखी। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मौजूद सभी चार पुरुष भीतर ही रहे और जबकि क्रिस्टीना और जेसिका बैटरी चार्जर बदलने के लिए अंतरिक्ष में चहलकदमी करती नजर आईं। बैटरी चार्जर उस वक्त खराब हो गया था, जब एक पुरुष सदस्य ने पिछले हफ्ते स्टेशन के बाहर नई बैटरियां लगाईं थीं। अभी तक अंतरिक्ष में 15 महिलाओं ने किसी ने किसी पुरुष साथी के साथ स्पेसवॉक किया है। अंतरिक्ष स्टेशन वैसे तो सौर ऊर्जा से संचालित होता है। मगर, जब इसे सूर्य की सीधी रोशनी नहीं मिल पाती है तो इसे बैटरियों की जरूरत होती है। ऐसे में अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने वाले यात्री बैटरियों को नियंत्रित करते हैं। मौजूदा मरम्मत कार्य की घोषणा सोमवार को की गई थी। यह पुराने पड़ चुके निकल हाइड्रोजन बैटरीज को उच्च क्षमता की लिथियम आयन बैटरीज से बदलने की वृहद मिशन का हिस्सा है।
इस मौके पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोच और मीर से कहा, 'मैं बस आप दोनों को बधाई देना चाहता हूं। आप दोनों बहुत शाहसी और विदुषी हैं। आपने देश का नाम बहुत रौशन किया है। हमें आप पर गर्व है। यह जो आप कर रही हैं वह बहुत अनोखा है। इसी तरह हम पहले चांद और फिर मंगल पर जाएंगे।'
मिशन से कुछ मिनट पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेस्टीन ने पत्रकारों के समाने इस मिशन के सांकेतिक महत्व को रेखांकित किया। जिम ने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंतरिक्ष सभी लोगों के लिए उपलब्ध है तथा उस विकास क्रम में यह एक और मील का पत्थर है।'
अमेरिका ने 1983 में अपनी पहली बार महिला अंतरिक्ष यात्री को भेजा था। तब सैली राइड सातवें स्पेस शटल मिशन के तहत अंतरिक्ष में गई थीं और अब किसी भी देश के मुकाबले अमेरिका की सबसे अधिक महिला अंतरिक्ष में जा चुकी हैं। हालांकि, पहली महिला अंतरिक्ष यात्री सोवियत संघ की वेलेंटीना तेरेश्कोवा हैं जिन्होंने 1963 में यह मुकाम हासिल किया था।