महाराष्ट्र : टूटा BJP-शिवसेना का गठबंधन, मोदी सरकार से इस्तीफा देंगे सांसद अरविंद सावंत
By: Pinki Mon, 11 Nov 2019 08:40:46
महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता के खेल ने जोर पकड़ा है। चुनाव नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को बता दिया है कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है। अब शिवसेना से पूछा गया है कि क्या वह सरकार बनाना चाहेगी? राज्यपाल से मिले ऑफर के बाद शिवसेना ने आखिरकार सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा लिया है। जिसके चलते वह NDA से अलग होने की तैयारी में है। इस रणनीति के तहत शिवसेना (Shiv Sena) सांसद और मोदी कैबिनेट में मंत्री अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
बता दें कि इससे पहले NCP ने NDA से अलग होने की स्थिति में ही शिवसेना को समर्थन देने की शर्त रखी थी। अरविंद सावंत का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार गठन को लेकर एक फॉर्मूला तय हुआ था। लेकिन अब इस फॉर्मूले को मना किया जा रहा है। शिवसेवा हमेशा सच के साथ खड़ी होती है। ऐसे में इस गलत माहौल में दिल्ली सरकार के साथ क्यों रहना? इसलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
शिवसेनेची बाजू सत्याची आहे. अशा खोट्या वातावरणात दिल्लीतील सरकार मध्ये तरी का रहायचे?
— Arvind Sawant (@AGSawant) November 11, 2019
आणि म्हणूनच मी केंद्रीय मंत्री पदाचा राजीनामा देत आहे. या संदर्भात आज सकाळी ११.०० वा. दिल्ली येथे मी पत्रकार परिषद (Press Conference) घेणार आहे.
मंजिल बुरा मान जाएगी
इससे पहले आज सुबह शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर ट्वीट किया है। संजय राउत ने लिखा है कि रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी। साफ है कि उनका ट्वीट इशारा करता है कि शिवसेना का जो लक्ष्य है वह मुख्यमंत्री पद है और उसके लिए वह नए रास्ते को चुनने के लिए तैयार हैं।
बता दे, राज्यपाल की ओर से जैसे ही शिवसेना को सरकार बनाने के लिए पूछा गया, तभी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शिवसेना नेता आज NCP प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगे। बता दें कि राज्यपाल ने शिवसेना से सोमवार शाम तक सरकार बनाने के लिए सूचित करने के लिए कहा है।
रास्ते की परवाह करूँगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी………!
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 11, 2019
दरअसल, सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भारतीय जनता पार्टी को राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए पूछा था, लेकिन रविवार को हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद बीजेपी ने राज्यपाल को सूचित किया कि वह सरकार नहीं बनाएगी। बता दें कि बीजेपी के पास सिर्फ 105 विधायक हैं और कुछ निर्दलीयों का समर्थन है। लेकिन ये आंकड़ा बहुमत से काफी दूर है।