मक्का मस्जिद ब्लास्ट: कांग्रेस और ओवैसी ने NIA पर उठाए सवाल, भाजपा ने कहा-मांफी मांगे सोनिया-राहुल
By: Priyanka Maheshwari Mon, 16 Apr 2018 3:53:16
हैदराबाद मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट के फैसले के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गयी है। NIA की विशेष अदालत से मक्का मस्जिद में विस्फोट मामले के पांचों आरोपियों के बरी हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 'भगवा आतंकवाद' के जरिए देश के करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया और इसके लिए कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। भाजपा ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं करती लेकिन कांग्रेस पार्टी ने एनआईए की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि एजेंसियों की जांच पर जो एक भरोसा था, वह खत्म होता जा रहा है।
भाजपा प्रवक्ता संवित पात्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'कांग्रेस आज कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रही है लेकिन 2जी घोटाला पर कोर्ट का फैसला उसके लिए ठीक था। मैं पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस का यह दोहरा रवैया क्यों है।'
इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने NIA पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि NIA बहरा और अंधा तोता है जोकि केस में राजनीतिक दखल दे रहा है। ओवैसी ने कहा कि NIA ने मामले की सही पैरवी नहीं की। जून 2014 के बाद से मामले के ज्यादातर गवाह बदल गए। आपराधिक मामलों में जब राजनीति हावी हो जाएगी तो न्याय नहीं मिलेगा। आज के फैसले के बाद से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई है।
वहीं NIA की जांच को कांग्रेस ने भी पक्षपाती बताया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा जांच एजेंसियां केंद्र सरकार की कठपुतली बन गई हैं। मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में होना चाहिए। उन्होंने NIA पर बीजेपी के आदेश पर काम करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस मामले में फिर से अपील की जा सकती है। दर्जनों गवाह अपने बयान से मुकर गए। इसकी जांच होनी चाहिए।
वहीं बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ने पर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चिदंबरम पर केस दर्ज किया जाना चाहिए। स्वामी ने कहा कि हिंदू टेरर शब्द के जरिए हिंदुओं पर सवाल उठाए गए। यह एक बड़ी साजिश थी। हिंदू टेरर शब्द का प्रयोग करके RSS को निशाना बनाया जा रहा था और वे उसे बैन करना चाहते थे। आपको बता दें कि पी चिदंबरम ने अगस्त 2010 में कहा था कि देश के कई बम धमाकों के पीछे भगवा आतंकवाद का हाथ है।
इस मामले में पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा कि वह नहीं जानते कि चार्जशीट में क्या जानकारी थी। उन्होंने केवल इतना सुना कि इस मामले के गवाहों ने अपने बयान बदल दिये थे। पाटिल ने कहा कि वह यह भी नहीं जानते कि जांच में किस तरह के सवाल किये गये।