उद्धव ठाकरे होंगे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री, शिवसेना ने मानी एनसीपी की बात!
By: Pinki Mon, 11 Nov 2019 09:28:57
महाराष्ट्र में शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया था लेकिन रविवार को चुनाव नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को बता दिया है कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है। बीजेपी के ना करने के बाद राज्यपाल ने शिवसेना से पूछा कि क्या वह सरकार बनाना चाहेगी? राज्यपाल से मिले ऑफर के बाद शिवसेना ने आखिरकार सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा लिया है। शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। लेकिन राकांपा ने शिवसेना के सामने एक शर्त रख दी कि अगर वह एनडीए से अलग होती है उसी हालात में हम समर्थन देने के लिए तैयार है। अब लगता है कि शिवसेना ने यह शर्त मान ली है और मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान किया। वे आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
शिवसेना के केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने ट्वीट किया- 'शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस संबंध में सुबह 11 बजे दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।' उधर, राकांपा प्रमुख शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संपर्क में हैं। शिवसेना के संजय राउत सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
उद्धव ठाकरे बन सकते है मुख्यमंत्री
बदले हुए हालात में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन सकते हैं। जबकि, पहले वह अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम बनाना चाह रहे थे। उधर, इस नए गठजोड़ में उप-मुख्यमंत्री का पद राकांपा को जा सकता है। वहीं, कांग्रेस को विधानसभा में स्पीकर का पद दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल ने शिवसेना को संख्याबल के बारे में जानकारी देने के लिए सोमवार शाम 7:30 बजे तक का वक्त दिया है। ऐसे में उद्धव खुद सत्ता का समीकरण बनाने में जुट गए हैं। रविवार देर रात तक शिवसेना के बड़े नेताओं की मातोश्री में बैठक हुई।
राकांपा ने आज बैठक बुलाई
राकांपा नेता नवाब मलिक ने बताया कि सोमवार को हमने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। इसी बैठक में आगे की रणनीति तय होगी। यदि शिवसेना को हमारा समर्थन चाहिए, तो उन्हें भाजपा और एनडीए से गठबंधन तोड़ना होगा। उनके सभी केंद्रीय मंत्रियों को मोदी सरकार से इस्तीफा देना होगा।
संभावित सरकार में कांग्रेस का शामिल होना तय नहीं, लेकिन...
गठबंधन सरकार में कांग्रेस शामिल होगी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन, स्पीकर पद कांग्रेस के खाते में जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण इसके लिए पहली पसंद होंगे। उप-मुख्यमंत्री का पद राकांपा को देने की बात हो चुकी है, लेकिन गृह मंत्रालय को लेकर खींचतान जारी है। 1999 में कांग्रेस और राकांपा ने ऐसे ही हालात में राज्य में सरकार का गठन किया था। इसके बाद दोनों दल 15 साल तक सत्ता में रहे थे।
बता दे, शिवसेना और बीजेपी का साथ 30 साल पुराना है। लेकिन अपनी शर्तों पर सरकार न मिलने के चलते शिवसेना ने इस साथ को छोड़ने का मन बना लिया है। बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन 1989 में हुआ था। ये वो वक्त था जब शिवसेना की कमान उसके संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के हाथों में थी, जो हिंदुत्व का बड़ा चेहरा थे। बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन भी हिंदुत्व के विचार पर ही आगे बढ़ा। बाला साहेब ठाकरे के जिंदा रहने तक दोनों पार्टियां का गठबंधन बदस्तूर चलता रहा लेकिन 2012 में उनके निधन के बाद जब 2014 में विधानसभा चुनाव हुए तो शिवसेना और बीजेपी अलग हो गईं। दोनों पार्टियों ने अपने-अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, बाद में शिवसेना देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई।