बसपा प्रमुख मायावती का ऐलान - नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

By: Pinki Wed, 20 Mar 2019 1:29:48

बसपा प्रमुख मायावती का ऐलान - नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस संबंध में उन्‍होंने कहा कि कई बार मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं। उन्‍होंने कहा कि वह जब चाहें तब संसद में चुनकर जा सकती हैं। कहा जा रहा है कि सपा और बसपा गठबंधन के बाद चुनावी अभियान के मद्देनजर सभी सीटों पर ध्‍यान देने के मकसद से बसपा सुप्रीमो ने ये फैसला लिया है। चार बार यूपी की मुख्‍यमंत्री रहीं बसपा नेता मायावती इससे पहले राज्‍यसभा सदस्‍य थीं लेकिन सहारनपुर हिंसा के बाद उन्‍होंने उच्‍च सदन से इस्‍तीफा दे दिया था।

इस बीच समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों में गठबंधन के बाद मतदाताओं को यह संदेश देने के लिये जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है कि दोनों दल अब एक हैं और कार्यकर्ता दोनों दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिये कमर कस लें। सपा और बसपा गठबंधन ने अपने परंपरागत वोटों को एकजुट रखने के लिये तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है जिसके तहत जल्द ही पार्टी नेताओं को प्रत्येक लोकसभा सीट की अलग अलग जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस बार सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। यूपी में सपा-बसपा के बीच चुनावी गठबंधन के तहत सपा के हिस्से 37 सीटें आयी हैं। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अजित सिंह के रालोद को तीन सीटें दी गयी हैं जबकि गठबंधन ने दो सीटें सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली और राहुल गांधी का क्षेत्र अमेठी से प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है।

सपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने बताया 'प्रदेश में लोकसभा चुनावों में बूथ स्तर पर प्रबंधन की तैयारी आरंभ हो गयी है। दोनों दल समन्वय करेंगे ताकि कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाये कि दोनों दल एक हैं। जिस लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां विधानसभा स्तर पर चुनाव प्रबंधन का जिम्मा स्थानीय बसपा नेताओं के हाथ में होगा और जहां बसपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां की पूरी जिम्मेदारी सपा नेताओं पर होगी ताकि सपा और बसपा दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाए कि दोनों दल एक हैं।'

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के बीच लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election 2019) से ठीक पहले हुआ गठबंधन सत्ताधारी बीजेपी (BJP) की मुश्किलें बढ़ा रहा है। उत्तर प्रदेश में लोगों के बीच इस गठबंधन को लेकर मौजूद उत्साह यह बताता है कि बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों का बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इस बीच उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और रालोद महागठबंधन की संयुक्त चुनाव रैलियां चरणबद्ध तरीके से होली के बाद शुरू हो जाएंगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इन संयुक्त रैलियों की शुरूआत नवरात्र के पवित्र दिनों में होगी। पहली संयुक्त रैली सात अप्रैल को देवबंद में होगी जिसको बसपा प्रमुख मायावती, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह संबोधित करेंगे। इस तरह की रैलियां पूरे राज्य में होंगी जिसमें गठबंधन के नेता संयुक्त रूप से मंच साझा करेंगे

बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 80 में से 71 सीटें जीती थीं। जबकि बीजेपी की सहयोगी अपना दल ने भी दो सीटें जीती थीं। इस तरह से एनडीए (NDA) के पास कुल 73 सीटें थी।

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