
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच मरने वाले मरीजों की गरिमापूर्ण अंत्येष्टि न करने देने की घटनाएं भी सामने आ रही है। हाल ही ताजा मामला केरल के कोट्टायम से सामने आ या है। यहां स्थानीय निवासियों ने कोरोना (Corona) से मरने वाले एक बुजुर्ग के शव को शवदाह गृह में जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि इससे इलाके के लोग संक्रमित हो सकते हैं। विरोध करने वाले लोगों ने मुत्ताम्बलम इलाके में कोट्टायम नगरपालिका द्वारा संचालित शवदाह गृह के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया और आरोप लगाया कि कोविड-19 से मरने वाले 83 वर्षीय एक व्यक्ति का शव अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था और इससे इलाके के निवासियों का जीवन खतरे में पड़ गया। निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि एक गिरिजाघर ने शव को अपने कब्रिस्तान में दफनाने से इंकार कर दिया, जिसके बाद उसे शवदाह गृह में लाया गया था। बता दें कि बीजेपी के नगर निकाय पार्षद के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन के बाद वहां पहुंचे अधिकारियों ने मरीज के शव की अंत्येष्टि स्थगित करने का फैसला किया। इस मामले पर अंतिम फैसला सोमवार को लिया जाएगा।
शवदाह गृह का गेट बंद कर दिया
बताया जाता है कि जैसे ही स्थानीय लोगों को पता चला कि कोरोना से संक्रमित एक बुजुर्ग के शव को अंतिम संस्कार के लिए मुत्ताम्बलम इलाके के कोट्टायम नगरपालिका द्वारा संचालित शवदाह गृह लाया जा रहा है वैसे ही उन्होंने शवदाह गृह का गेट बंद कर दिया। स्थानीय निवासी विरोध कर रहे थे कि अगर शवदाह गृह में कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार किया गया तो इलाके के लोग भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। विरोध कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि एक गिरिजाघर ने पहले ही शव को अपने कब्रिस्तान में दफनाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद बुजुर्ग के शव को यहां पर लाया गया। मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर कोट्टायम के कांग्रेस विधायक तिरुवंचूर राधाकृष्णन अपने कुछ समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने भी शव के अंतिम संस्कार न किए जाने का समर्थन किया। इसके बाद कोरोना मरीज के शव की अंत्येष्टि स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
बता दें इससे पहले दिन में उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कोविड-19 मरीजों को अपमानित करने और इस वायरस के कारण मरने वाले लोगों की गरिमापूर्ण अंत्येष्टि नहीं करने देने की घटनाओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पूरी तरह अवांछित हैं और स्थानीय लोगों एवं समाज से आग्रह किया कि ऐसी घटनाओं का दोहराव नहीं हो। एक फेसबुक पोस्ट में नायडू ने कहा, 'समय की मांग है कि हम पूर्वाग्रह के खिलाफ लड़ें और इसे जड़ से समाप्त करें। अन्यथा, यह फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं से भी अधिक विषैला हो सकता है।' उप राष्ट्रपति ने उन खबरों का भी हवाला दिया, जहां लोगों ने इस वायरस के कारण मरने वाले व्यक्तियों के अंतिम संस्कार के लिए स्थान उपलब्ध कराने का भी विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है।
केरल में रविवार को कोविड-19 (Covid-19) के 927 नए मरीज सामने आए, जिनमें 16 स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 18 हजार 140 हो गई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया कि सबसे अधिक 175 नए संक्रमित राजधानी तिरुवनंतपुरम में सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कासरगोड में 107, पथनमथिट्टा में 91, कोल्लम में 74 नए मामले आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि राज्य में कोविड-19 से दो और लोगों की मौत हुई है। इन्हें मिलाकर अबतक केरल में इस महामारी से 61 लोगों की जान गई है। त्रिशूर और मालापुरम में एक-एक व्यक्ति की मौत संक्रमण की वजह से हुई और उनकी उम्र 71 साल थी एवं अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।














