जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी, सेना के 4 जवान घायल
By: Priyanka Maheshwari Mon, 18 Feb 2019 08:30:48
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा से बड़ी खबर सामने आ रही है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले (Pulwama) के पिंगलान इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच सोमवार सुबह से मुठभेड़ जारी है। यहां सुरक्षाबलों ने कथित तौर पर 2-3 आतंकवादियों को घेर लिया है। आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के 4 जवान जख्मी हो गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है। अधिक जानकारी का इंतजार है। घटना के बाद पुलवामा में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
आपको बता दें कि बता दें कि 14 फरवरी यानी गुरुवार को पुलवामा में ही सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। इस घटना के बाद सेना और सुरक्षाबल एक्शन में हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। पाकिस्तानी संगठन की तरफ से हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिशें तेज कर दी है। दो दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया गया है और इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया गया है।
दूसरी तरफ, पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। अधिकारियों ने बताया कि मीरवाइज के अलावा, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी एवं शबीर शाह को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। हालांकि, आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का जिक्र नहीं है। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि आदेश के मुताबिक अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा एवं उपलब्ध कराए गए वाहन रविवार शाम तक वापस ले लिए जाएंगे। किसी भी बहाने से उन्हें या किसी भी अलगाववादी नेता को सुरक्षा या सुरक्षाकर्मी नहीं मुहैया कराए जाएंगे। अगर सरकार ने उन्हें किसी तरह की सुविधा दी है तो वह भी भविष्य में वापस ले ली जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर दौरे पर कहा था कि पाकिस्तान एवं उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से निधि प्राप्त करने वाले लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।