
फ्रांस के नीस शहर में तीन लोगों की निर्मम हत्या से स्थानीय लोग बेहद गुस्से में हैं। इस खौफनाक घटना के बाद नीस के लोगों ने गुरुवार रात को नॉट्र डैम चर्च के पास रैली निकालकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस रैली के जरिए नीस के लोगों ने कट्टरवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। उन्होंने आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ नारे लगाए और फ्रांस का राष्ट्रगान गाया। इस दौरान कई लोगों के 'इस्लाम यूरोप से वापस जाओ' के नारे लगाने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब लोगों के एकसाथ आने का समय हो गया है। वे आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इससे पहले ट्यूनीशियाई मूल के हमलावर ने नीस के एक चर्च में एक महिला का गला काट दिया और दो अन्य लोगों की चाकू मारकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि हमलावर हाथ में कुरान की किताब और चाकू लेकर चर्च के अंदर घुसा था।

नीस के मेयर क्रिस्चियन इस्तोर्सी ने बताया कि नॉट्र डैम चर्च में हुई घटना के बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया। नीस के मेयर ने दावा किया है कि आरोपी गिरफ्तार किए जाने के बाद ठीक उसी तरह 'अल्लाह-हू-अकबर' चिल्ला रहा था जैसे पेरिस की घटना में हुआ था। पेरिस की तरह ही यहां की घटना को भी आतंकवाद करार दिया गया है। घटना को आतंकवाद करार देने के बाद फ्रांस के आतंकवाद निरोधक विभाग ने जांच की जिम्मेदारी ली है।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस घटना को 'इस्लामिक आतंकवादी हमला' करार दिया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों की सुरक्षा के लिए तैनात सैनिकों की संख्या को बढ़ाकर 3 हजार से 7 हजार कर दी गई है। देश के सुरक्षा अलर्ट को उच्चतम स्तर पर कर दिया गया है। नीस शहर में तीन महीने के अंदर दो आतंकी हमले हो चुके हैं। इन्हें इस्लामिक कट्टरपंथ से जोड़कर देखा जा रहा है।
आतंकी हमले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ऐंटी टेररिज्म प्रॉसीक्यूटर के मुताबिक नीस के चर्च में घुसकर जिस शख्स ने तीन लोगों की हत्या की, वह एक ट्यूनीशियाई नागरिक है। 20 साल का यह शख्स इटली के रास्ते फ्रांस में दाखिल हुआ था। उसके पास इटली के रेडक्रॉस का डॉक्यूमेंट है। वह प्रवासियों की नौका से इटली के लामपेदुसा द्वीप पहुंचा था। उसे पुलिस ने गोली मार दिया है और उसकी हालत गंभीर है।
नीस में एक शख्स ने चाकू मारकर तीन लोगों की हत्या कर दी थी। कुछ दिन पहले ऐसी ही घटना पेरिस में हुई थी। इससे देश में बने माहौल के बीच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस 'फिर से आतंकी हमले का शिकार' हुआ है। उन्होंने कहा कि फ्रांस पर हमला देश के आजादी के मूल्य और आतंक के सामने नहीं झुकने की इच्छा की वजह से किया गया है। यही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा है कि फ्रांस इस्लामिक आतंकी हमले के बाद अपने मूल्यों को छोड़ेगा नहीं।
पीएम मोदी ने जताया दुख
फ्रांस के नीस शहर में चर्च में हुए आतंकी हमले समेत सभी आतंकी हमलों की निंदा करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ उनका देश फ्रांस के साथ है। मंत्रालय ने बयान में कहा था, हम बर्बर आतंकवादी हमले में फ्रांस के एक शिक्षक की निर्ममता से हत्या किये जाने की निंदा करते हैं, जिसने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया। हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। विदेश मंत्रालय के बयान के बाद भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने ट्वीट कर भारत का आभार जताया और कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं।














