विशेषज्ञों ने दावा किया है कि अगर कोरोना का टीका लगवाने के बाद शराब का सेवन किया तो टीका बेअसर साबित हो सकता है। उनका कहना है कि भारत बायोटेक द्वारा तैयार किए जा रहे 'कोवैक्सीन' को लगवाने के बाद 14 दिनों तक शराब के सेवन से परहेज करना होगा, वहीं रूस में तैयार 'स्पूतनिक-वी' लगवाने पर अगले दो महीने तक शराब पीने की मनाई होगी। इसी तरह मॉडर्ना का टीका लगवाने पर 42 दिनों तक शराब नहीं पी जा सकेगी। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज (Epidemiology Of Prevention Of Communicable Diseases) के प्रमुख डॉ समिरन पांडे ने कहा कि कोरोना का टीका लगवाने पर शराब का सेवन नहीं किया जा सकेगा।
चिकित्सकीय भाषा में अल्कोहल को 'इम्यूनो सप्रेसेंट' कहा जाता है। खून में अल्कोहल (Alcohol) मिलने के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ अरिंदम विश्वास ने कहा कि कोरोना का टीका लगवाने के बाद ही नहीं, टीका लगवाने से कम से कम सात दिन पहले से शराब से तौबा करनी होगी। मॉडर्ना के टीके के लेबल में इस बात का साफ तौर पर उल्लेख भी किया गया है।
आपको बता दे, बंगाल के परिप्रेक्ष्य में कहे तो यहां शराब की बहुत ज्यादा बिक्री होती है। हर साल बीयर के ही 80 लाख केस बिकते हैं। एक केस में बीयर की 24 बोतलें होती हैं। वही देसी शराब की भी 1.4 करोड़ केस की बंगाल में बिक्री होती है, यानी बंगाल में कोरोना के टीके को सफल बनाने के लिए यहां के शराब प्रेमियों को भी बेहद संयमित होना पड़ेगा।
एक्सपर्ट्स कहते है कि अल्कोहल शरीर में एंटीबॉडी (Antibody) तैयार करने के काम में बुरा असर डाल सकता है। शराब शरीर के फर्स्ट लाइन आफ डिफेंस को प्रभावित करता है। नियमित रूप से शराब का सेवन करने वालों के शरीर में इतनी तादाद में एंटीबॉडी नहीं बन पाएगी, जितनी बननी चाहिए।