कुंभ 2019 : 21 फरवरी को होगा अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास : धर्म संसद

By: Priyanka Maheshwari Thu, 31 Jan 2019 09:21:30

कुंभ 2019 : 21 फरवरी को होगा अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास : धर्म संसद

प्रयागराज में चल रहे कुंभ (Kumbh) के दौरान पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में 3 दिन तक चली धर्म संसद के आखिरी दिन राम मंदिर (Ram Temple at Ayodhya) बनाने का एलान किया गया। कुम्भ मेला में 28, 29 और 30 जनवरी को चले धर्म संसद के अंतिम दिन ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा पारित परम धर्मादेश में हिंदू समाज से बसंत पंचमी के बाद प्रयागराज से अयोध्या के लिए प्रस्थान करने का आह्वान किया है। धर्म संसद में कहा गया कि साधू संत प्रयागराज से सीधे अयोध्या जाएंगे और 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम होगा। धर्मादेश में कहा गया है, "न्यायपालिका की शीघ्र निर्णय की अपेक्षा धूमिल होते देख हमने विधायिका से अपेक्षा की और 27 नवंबर, 2018 को परम धर्मादेश जारी करते हुए भारत सरकार एवं भारत की संसद से अनुरोध किया था कि वे संविधान के अनुच्छेद 133 एवं 137 में अनुच्छेद 226 (3) के अनुसार एक नई कंडिका को संविधान संशोधन के माध्यम से प्रविष्ट कर उच्चतम न्यायालय को चार सप्ताह में राम जन्मभूमि विवाद के निस्तारण के लिए बाध्य करे।"

उन्होंने कहा, "लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि संसद में पूर्ण बहुमत वाली सरकार ने राम जन्मभूमि के संबंध में कुछ भी करने से इनकार कर दिया। वहीं दूसरी ओर, इस सरकार ने दो दिन में ही संसद के दोनों सदनों में आरक्षण संबंधित विधेयक पारित करवाकर अपने प्रचंड बहुमत का प्रदर्शन किया था।" वहीं, कुंभ मेले में आज विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी की धर्म संसद होनी है। इस धर्म संसद का एजेंडा अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बनाना है। वीएचपी काफ़ी समय से संसद में क़ानून लाकर राम मंदिर निर्माण की मांग कर रही है। वीएचपी की इस धर्म संसद में संघ प्रमुख मोहन भागवत के भी शामिल होने की उम्मीद है।

पीएम मोदी के इंटरव्यू का जिक्र करते हुए विज्ञप्ति में कहा गया, 'पीएम मोदी ने अपने साक्षात्कार में कहा है कि न्याय की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब उनकी बारी आएगी तो वह अपनी भूमिका निभाएंगे। वह अपने वचन पर स्थिर नहीं रह सके और उन्होंने रामजन्मभूमि विवाद की न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करवाई है, जिसमें गैर-विवादित जमीन को उसके मालिकों को लौटाने की बात कही गई है। याचिका में कहा गया है कि 48 एकड़ भूमि रामजन्मभूमि न्यास की है जबकि सच्चाई यह है कि एक एकड़ भूमि के अलावा सारी जमीन उत्तर प्रदेश सरकार की है, जो रामायण पार्क के लिए अधिगृहीत की गई थी।'

इस मामले में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, 'हम अयोध्या में 21 फरवरी 2019 को राम मंदिर की नींव रखेंगे। हम कोर्ट के किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। जब तक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के आदेश को खारिज नहीं कर देता, तब तक यह लागू है। वहां राम लला विराजमान हैं, वह जन्मभूमि है।' यह भी कहा गया है, 'अगर इस काम में सत्ता के तीन अंगों में से किसी के द्वारा अवरोध डाला गया तो हम संपूर्ण हिंदू जनता को धर्मादेश जारी करते हैं कि जबतक मंदिर निर्माण नहीं हो जाता, तबतक हर हिंदू का यह कर्तव्य होगा कि वह गिरफ्तारी देनी हो तो गिरफ्तारी दें। यह आंदोलन तबतक चलेगा जबतक रामजन्मभूमि हिंदुओं को सौंप नहीं दी जाती और उस पर हम मंदिर का निर्माण नहीं कर लेते।'

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com