मध्यप्रदेश / पैदल जा रहे मजदूरों की मदद के लिए आगे आई शिवराज सरकार, लिया ये बड़ा फैसला
By: Pinki Tue, 12 May 2020 3:10:30
मध्य प्रदेश में मंगलवार सुबह तक कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 3785 हो गई। वहीं, 221 की मौत हो चुकी है। इंदौर में संक्रमितों का आंकड़ा 2 हजार को पार कर गया है। यहां 2016 मरीज ठीक हो गए हैं। 92 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। भोपाल में 810 संक्रमित मिल चुके हैं और 34 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं पैदल अपने गृह राज्यों में जा रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि अब किसी मजदूर को पैदल नहीं चलना पड़ेगा। उन्होंने कलेक्टरों को दिए है कि एनी राज्यों के लिए पैदल जा रहे मजदूरों को बस की व्यवस्था की जाए इसके साथ ही मजदूरों के लिए भोजन और उनके रहने की व्यवस्था करने के भी अफसरों को निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जिले में मजदूरों का अतिथि के रूप में स्वागत कर सभी सुविधाएं देने की बात कहते हुए पैदल चल रहे लोगों से साथ पूरी संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को मजदूरों की मदद के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बनाए जाने के निर्देश दिए है। ट्रांजिट प्वाइंट से स्पेशल बसों के जरिए मजूदरों को उनको राज्य की सीमा तक छोड़ा जाएगा। इसके साथ ट्रांजिट प्वाइंट पर मजदूरों के रुकने, भोजन, पानी और दवा की भी व्यवस्था होगी।
सरकार ने उत्तर प्रदेश के मजूदरों के लिए देवास और गुना में ट्रांजिट प्वाइंट बनाया गया है। इसके साथ ही सीहोर के दौलतपुर में मजदूरों के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बनाया गया है। वहीं मजदूरों को भेजने के लिए 375 से अधिक बसों को लगाया गया है।
वापस लाए गए 2 लाख से अधिक मजूदर
वहीं मध्यप्रदेश में अब तक 2 लाख से अधिक मजूदर वापस लाए जा चुके है। जिसमें गुजरात से एक लाख 5000, राजस्थान से 45000 और महाराष्ट्र से 40000 मजदूर वापस लाए गए है। इसके साथ ही गोवा, दिल्ली, पंजाब,हरियाणा,केरल, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से वापस आए मजदूर शामिल है। इसके साथ ही अन्य प्रदेश में फंसे मजूदरों को वापस लाने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार और रेलवे से 71 ट्रेनों की मांग की है। हर दिन प्रदेश में अन्य प्रदेश से 8-10 ट्रेन मजदूरों को लेकर आ रही है। अपर मुख्य सचिव और प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूप आईसीपी केशरी के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न जिलों में फंसे मध्यप्रदेश के करीब 60000 मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है।