Budget 2019: इनकम टैक्स से जुड़ी 9 बड़ी बातें, एक क्लिक में पढ़ें सब
By: Priyanka Maheshwari Fri, 01 Feb 2019 2:15:44
'सबका साथ, सबका विकास' एजेंडा के साथ प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को 2019-20 (Budget 2019) के लिए अंतरिम बजट पेश कर दिया है, जिसमें सभी वर्गों का खास ख्याल रखा गया है। इस दौरान उन्होंने किसानों और मिडिल क्लास के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। गोयल ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए टैक्स की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी। यानि अब 5 लाख रुपए तक की आमदनी टैक्स के दायरे से बाहर होगी। अभी 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता था। सरकार के इस कदम से मिडिल क्लास काफी राहत महसूस कर रहा है। टैक्स छूट में घोषणा के समय संसद में कुछ देर तक मोदी-मोदी के नारे लगे।
- मिडिल सेलरी क्लास को उम्मीद थी कि इस बार अंतरिम बजट में सरकार टैक्स में छूट दे सकती है। लोकसभा चुनाव होने में चंद महीने बचे हैं ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार मध्यम वर्ग को लुभाने के लिए उसे टैक्स में छूट दे सकती है। इस उम्मीद के अनुरूप सरकार ने मध्यम वर्ग को टैक्स में छूट देने का एलान किया। सरकार ने टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दी। टैक्स में छूट का यह लाभ करीब 3 करोड़ लोगों को मिलेगा।
- इसके अलावा सरकार ने ग्रेच्युटी लिमिट और बोनस पर भी आम आदमी एवं मध्यमवर्ग का ख्याल रखा है। सरकार ने टैक्स फ्री ग्रेच्युटी लिमिट 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी है। इसके अलावा 21,000 मासिक कमाई करने वाले कर्मचारी भी बोनस पाने के हकदार होंगगे।
- सरकार ने आम आदमी के हित में कदम उठाते हुए श्रमिकों को गारंटीड पेंशन देने का फैसला किया है। सरकार ने 100 रुपये प्रति महीने के अंशदान पर 60 साल की आयु के बाद 3000 रुपये प्रति माह पेंशन देने की घोषणा की है।
- अंतरिम वित्त मंत्री गोयल ने कहा कि श्रमिक की मौत होने पर अब 2.5 लाख रुपये की जगह 6 लाख रुपये का मुआवाजा दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने श्रमिकों का बोनस बढ़ाकर 7 हजार रुपया करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराएगी।
- वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स को राहत दते हुए टैक्स फाइलिंग को आसान बनाया। उन्होंने कहा कि अब 24 घंटे में आईटी रिटर्न की प्रोसेसिंग की जाएगी और टैक्सपेयर्स को टैक्स मूल्यांकन के लिए दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा।
- आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपये होगी।
- एनपीएस, चिकित्सा बीमा और आवास ऋण के ब्याज भुगतान को जोड़ने पर यह सीमा और बढ़ जाएगी। वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40000 रुपये तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है। अभी छूट 10000 रुपये तक के ब्याज पर थी।
- केंद्र सरकार ने 80 सी के तहत टैक्स छूट की सीमा को पुराने स्तर यानी 1.5 लाख रुपये पर ही बनाए रखा है। 80 सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक निवेश करके टैक्स छूट को क्लेम किया जा सकता है।