चीन पर मनमोहन की मोदी को नसीहत, वो वही बीजेपी ने किया पलटवार, कही ये बात
By: Pinki Mon, 22 June 2020 3:52:46
चीन के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टिप्पणी देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा, रणनीति और सीमाओं के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोच-समझकर बयान देना चाहिए। उन्हें सावधान रहना चाहिए कि इन मामलों में उनकी बातों का क्या असर पड़ेगा। मनमोहन सिंह का कहना है सरकार को कुछ बड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि हमारी सीमाओं की सुरक्षा में शहीद हुए जवानों को न्याय मिल सके। सरकार ने कोई कमी छोड़ दी तो यह देश की जनता से विश्वासघात होगा। मनमोहन सिंह ने अपने लिखित बयान में चीन विवाद पर पीएम मोदी को नसीहत देते हुए कहा है कि झूठ के आडंबर से सच छुपाया नहीं जा सकता।
हालाकि, मनमोहन सिंह इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी आगबबूला हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मनमोहन सिंह के बयान को शब्दों का खेल बताते हुए कहा कि वो उसी पार्टी से जुड़े हैं जिसकी सरकार के दौरान बिना लड़े ही भारतीय जमीन सरेंडर कर दी गई। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा ये शब्दों का खेल है और कोई भारतीय इस पर यकीन नहीं करेगा। नड्डा ने कहा कि ये वही कांग्रेस है जिसने हमेशा हमारे सुरक्षाबलों पर सवाल किए हैं और उन्हें डिमोरलाइज किया है।
Dr. Manmohan Singh belongs to the same party which:
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 22, 2020
Helplessly surrendered over 43,000 KM of Indian territory to the Chinese!
During the UPA years saw abject strategic and territorial surrender without a fight.
Time and again belittles our forces.
जेपी नड्डा ने अपने ट्वीट में लिखा, 'डॉ मनमोहन सिंह उसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, जिसने 43000 किलोमीटर भारतीय हिस्सा चीन के सामने सरेंडर किया है। यूपीए सरकार के दौरान निकृष्ट रणनीति देखी गई और बिना लड़े जमीन सरेंडर कर दी गई।'
इसके अलावा जेपी नड्डा ने लिखा कि भारत पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी पर विश्वास करता है और समर्थन करता है। 130 करोड़ भारतीयों ने परीक्षा की घड़ी में पीएम मोदी के नेतृत्व को देखा है, उन्होंने हमेशा राष्ट्र को सबसे ऊपर रखा है। जेपी नड्डा ने सीधे तौर मनमोहन सिंह को उनका कार्यकाल याद दिलाया। नड्डा ने ट्वीट में लिखा कि आपने पीएम रहते हुए सैकड़ों स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन चीन के सामने सरेंडर कर दी। चीन ने 2010 से 2013 के बीच 600 बार से ज्यादा घुसपैठ की।
इसके अलावा जेपी नड्डा ने मनमोहन सिंह को यूपीए के दौरान पीएमओ की भी याद दिलाई। नड्डा ने लिखा कि डॉ मनमोहन सिंह निश्चित रूप से विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा कर सकते हैं, लेकिन पीएमओ की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। उस ऑफिस से यूपीए वाला सिस्टम साफ हो गया है, जहां सुरक्षाबलों का अपमान भी किया जाता था।
ये तमाम टिप्पणी करते हुए जेपी नड्डा ने अंत में कांग्रेस पार्टी और मनमोहन सिंह को एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक की याद दिलाते हुए कहा कि कृपया बार-बार हमारे सुरक्षाबलों का अपमान करना बंद करें। राष्ट्रीय एकता का सही मतलब समझें, अब भी देरी नहीं हुई है।
'सरकार ने कोई कमी छोड़ी तो यह जनता से धोखा होगा' : मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह का कहना है सरकार को कुछ बड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि हमारी सीमाओं की सुरक्षा में शहीद हुए जवानों को न्याय मिल सके। सरकार ने कोई कमी छोड़ दी तो यह देश की जनता से विश्वासघात होगा। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐतिहासिक मोड़ पर हैं। इस वक्त सरकार के फैसले और कार्रवाई से यह तय होगा कि आने वाली पीढ़ियों की हमारे बारे में क्या राय होगी? हमारी लीडरशिप को जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं। भारतीय लोकतंत्र में यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ऑफिस की होती है। मनमोहन ने कहा कि चीन ने 2000 से लेकर आज तक गलवान वैली और पैंगोंग झील में कई बार जबरन घुसपैठ की है। हम उसकी धमकियों और दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और ना ही देश की अखंडता से कोई समझौता करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनकी साजिश के रवैए को बढ़ावा नहीं देनी चाहिए। साथ ही तय करना चाहिए कि हालात और ज्यादा गंभीर नहीं हों।
मोदी ने कहा था- हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा
चीन के मुद्दे पर पिछले हफ्ते हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा है, ना ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। इसके बाद विपक्ष ने सवाल उठाए थे कि यह बात सही है तो फिर चीन से बातचीत क्यों चल रह रही थी, हमारे 20 जवान शहीद क्यों हुए? इस पर प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) ने सफाई दी कि मोदी के बयान को गलत तरीके से पेश कर अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने 15 जून की झड़प के बारे में कहा था कि उस दिन हमारे जवानों की बहादुरी की वजह से चीन के सैनिक घुसपैठ नहीं कर पाए।