फ़ायदे : सेहत के लिए फायदेमन्द होता है तेजपत्ते का सेवन
By: Ankur Fri, 27 Oct 2017 1:08:47
तेज पत्ते एक तरह का गर्म मसाला है, जिसका उपयोग खाने में खुशबू तथा स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग ज़्यादातर भारतीय खानों में किया जाता है। यह हमारे खाने में जान डाल देता है। ऐसी कोई कुछ ही भारतीय रसोई होगी जहां खाना बनाने में तेजपत्ते (Bay Leaf) का उपयोग न होता हो। तेज पत्ता पुराने समय से भारत में उगाया जाता रहा है। हालांकि, समय के साथ और इसकी उपयोगिता जानने के बाद अन्य देशों में भी यह उगाया जाने लगा। हरी पत्तियों के अलावा तेज पत्ते की सूखी पत्तियों का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। आज हम आपको बताते हैं इस चमत्कारी तेजपत्ते के ओर भी कई फायदे हैं, तो जानते है उनके बारे में।
* कुछ लोगो को नींद बहुत ज़्यादा आती है। 7-8 घंटे सोने पर भी उनकी नींद पूरी नही होती है। ऐसे में तेज पत्ते को पानी में कम से कम 6 घंटे के लिए भिगो कर रख देँ। सुबह इस पानी को पीलें इससे आपको नींद नही आएगी और राहत मिलेगी।
* कपड़ों के बीच तेजपत्ता रखने से महंगे रेशमी, ऊनी और सूती कपड़ों में कीड़ा नहीं लगता। अनाज के बीच में 4-5 पत्ते डालने से भी यह कीड़ों से बचा रहेगा।
* काकरोच को भगाने के लिए बाजार में बहुत सारे उत्पाद पाए जाते है जो के बेहद महंगे और हमारे लिए तथा बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक होते है। अगर आप काकरोच से परेशान है तो तेज पत्तो को जला कर अपनी रसोई, गार्डन के कोनो में रखे। और यह आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं हैं।
* यदि किसी को कब्ज, पेट में जलन और गैस कि समस्या है तो गर्म पानी में तेज पत्ते को मिलाकर पिएं। इससे यह सारी समस्याएं ठीक हो जाएंगी।
* तेजपत्ते के 5-6 पत्तों को एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए। अब इस पानी से रोजाना सिर की मालिश करं। सिर में जुएं नहीं होंगी।
* तेज पत्ते में कैंसर से लड़ने का गुण होता है। इसमें कफेन एसिड (kafen acid), केर्सटिन (quercetin), इयूगिनेल (Iuginel) नामक तत्व मौजूद होते हैं जिसके कारण मेटाबोल्जिम कैंसर जैसी घातक बीमारी को होने से रोक लेता है।
* दांतों की प्राकृतिक चमक और सफेदी पाने के लिए सुबह-शाम तेजपत्तों (Bay Leaf) का बारीक चूर्ण दांतों पर मलना चाहिए। इससे जहां दांत मजबूत होगें, इनमें ठंडा या गरम नहीं लगेगा।
* तेजपत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से पेट का फूलना, अतिसार, उबकाई आदि में लाभ मिलता है। 2-4 ग्राम चूर्ण का सेवन करना भी फायदेमंद है।