अच्छी खबर / बन गई कोरोना की वैक्सीन, बंदरों पर परीक्षण सफल, इंसानों पर ट्रायल शुरू

By: Pinki Fri, 24 Apr 2020 10:46:55

अच्छी खबर / बन गई कोरोना की वैक्सीन, बंदरों पर परीक्षण सफल, इंसानों पर ट्रायल शुरू

कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर कहर बनकर टूटा है। इस वायरस से दुनिया भर में अब तक एक लाख 90 हजार 654 लोगों की मौत हो चुकी है। 27 लाख 18 हजार संक्रमित हैं, जबकि 7 लाख 45 हजार 620 ठीक हो चुके हैं। इस वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए आज पूरी दुनिया के डॉक्टर और वैज्ञानिक दिन रात लगे हुए। ऐसे में चीन से अच्छी खबर आई है यहां एक दवा बनाने वाली कंपनी साइनोवैक बायोटेक (Sinovac Biotech) ने वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर ली है। कोरोना वायरस को लेकर बनाई जा रही कई वैक्सीन ने बंदर को कोरोना के संक्रमण से बचाया है। इस कंपनी ने रीसस मकाउ बंदर यानी सामान्य लाल मुंह वाले बंदरों को वैक्सीन दी थी। उसके बाद जांच की तो पता चला कि इन बंदरों में अब कोरोना वायरस नहीं हो सकता। कंपनी ने 16 अप्रैल से इंसानों पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है।

लॉकडाउन की कड़वी हकीकत / बीमार बेटी को कंधों पर बिठाए 26 KM चला बुजुर्ग
दावा / चीनी वैज्ञानिकों के पागलपन से पैदा हुआ कोरोना वायरस: रूसी वैज्ञानिक

covid-19,vaccine,monkeys,sinovac,coronavirus,chinese,biotech,report,corona,virus,coronavirus,health news ,कोरोना वायरस

चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूद दवा निर्माता कंपनी साइनोवैक बायोटेक (Sinovac Biotech) ने दावा किया है कि उसने 8 बंदरों को अपनी नई वैक्सीन की अलग-अलग डोज दी थी। तीन हफ्ते बाद उन्होंने बंदरों की वापस जांच की। जांच में जो नतीजे आए, वो हैरतअंगेज थे। बंदरों के फेफड़ों में ट्यूब के जरिए वैक्सीन के रूप में कोरोना वायरस ही डाला गया था। तीन हफ्ते बाद जांच में पता चला कि आठों में से एक भी बंदर को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं है।

कोरोना वायरस का बदलता रूप दुनियाभर के लिए चिंता, खून के जरिए पहुंच रहा हर अंग में

साइनोवैक के सीनियर डायरेक्टर मेंग विनिंग ने बताया कि जिस बंदर को सबसे ज्यादा डो़ज दी गई थी, सात दिन बाद ही उसके फेफड़ों में या शरीर में कहीं भी कोरोना वायरस के कोई लक्षण या सबूत नहीं दिखाई दे रहे थे। कुछ बंदरों में हल्का सा असर दिखाई दिया लेकिन उन्होंने उसे नियंत्रित कर लिया। साइनोवैक ने बंदरों पर किए गए परीक्षण के बाद वैक्सीन की रिपोर्ट 19 अप्रैल को bioRxiv वेबसाइट पर प्रकाशित की है। बंदरों पर आए हैरतअंगेज नतीजों के बाद मेंग विनिंग ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि यह वैक्सीन इंसानों पर भी अच्छा असर करेगी।
बड़ी चुनौती / कोरोना का नया रूप आया सामने, ठीक होकर लौटे मरीजों में अब दिखा ये असर

covid-19,vaccine,monkeys,sinovac,coronavirus,chinese,biotech,report,corona,virus,coronavirus,health news ,कोरोना वायरस

पुराने तरीके से बनाई वैक्सीन

मेंग विनिंग ने कहा कि हमने पुराना तरीका अपनाया है वैक्सीन को विकसित करने का। पहले कोरोना वायरस से बंदर को संक्रमित किया। फिर उसके खून से वैक्सीन बना लिया। उसे दूसरे बंदर में डाल दिया। इस तरीके से गरीब देशों को महंगी वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

माउंट सिनाई में स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के वायरोलॉजिस्ट फ्लोरियन क्रेमर ने कहा कि मुझे वैक्सीन बनाने का ये तरीका पसंद आया। ये पुराना है लेकिन बेहद कारगर है। वहीं, पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के डगलस रीड ने कहा कि तरीका अच्छा है लेकिन बंदरों की संख्या कम थी। इसलिए परिणामों पर तब तक पूरा भरोसा नहीं कर सकते जबतक यह बड़े पैमाने पर जांचा नहीं जाता।

कोरोना संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में लगता हैं कितना समय, क्लिक कर जानें यह जरूरी जानकारी
कोरोना से जुड़े ये सवाल कर रहे लोगों को परेशान, यहाँ जानें इनके जवाब

covid-19,vaccine,monkeys,sinovac,coronavirus,chinese,biotech,report,corona,virus,coronavirus,health news ,कोरोना वायरस

इसके जवाब में साइनोवैक के वैज्ञानिकों का कहना है कि जो भी सवाल उठ रहे है वे सही है लेकिन हमने उन बंदरों को भी कोरोना वायरस से संक्रमित कराया जिन्हें वैक्सीन नहीं दिया गया था। उनके अंदर कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण स्पष्ट तौर पर दिखाई दिए।

साइनोवैक के वैज्ञानिकों ने फिर दावा किया कि हमने अपनी वैक्सीन में बंदर और चूहे के शरीर से ली गई एंटीबॉडीज को मिलाया है। इसके बाद इस वैक्सीन का ट्रायल हमने चीन, इटली, स्विट्जरलैंड, स्पेन और यूके के कोरोना मरीजों पर किया है। वैक्सीन में मौजूद एंटीबॉडीज ने कोरोना वायरस के स्ट्रेन को निष्क्रिय करने में सफलता पाई है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com