त्वचा को स्वस्थ रखता है नीम, जाने और फायदे
By: Ankur Mon, 02 Oct 2017 3:19:45
नीम आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथिक दवाओं में इस्तेमाल की जानी वाली एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी हैं। अगर आपके घर के सामने नीम का पेड़ है तो आप वाकई बहुत भाग्यशाली हैं। गर्मी में ठंडी हवा देने के साथ ही ये एक ऐसा पेड़ है जिसका हर हिस्सा किसी न किसी बीमारी के इलाज में कारगर है। इतना ही नहीं विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भी नीम को प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया जाता है। आइये जानते हैं नीम से जुड़े ऐसे कुछ फायदों के बारे में जिन्हें जानकार आप भी इसका पौधा लगाये बिना ना रह पाएंगे।
# नीम में फंगसरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो कि रूसी के उपचार और आपके सिर की त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत प्रभावी हैं। यह सूखेपन और खुजली में भी राहत दिलाता है।
# 2012 में परजीवी विज्ञान अनुसंधान में पब्लिश हुई एक रिसर्च के अनुसार नीम के बीजों में नेचुरल इंसेक्टिसाइड प्रॉपर्टी होती हैं जो पहले ही उपचार में सिर से जूँ के प्रकोप को खत्म कर देती हैं। साथ ही नीम सिर की खुजली और जलन में भी राहत प्रदान करता है।
# अगर आप खाना बनाते वक्त या किसी दूसरे कारण से अपना हाथ जला बैठी हैं तो तुरंत उस जगह पर नीम की पत्तियों को पीसकर लगा लें। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घाव को ज्यादा बढ़ने नहीं देता है।
# यह घावों को भरता हैं और किसी भी संक्रमण या विषाक्त (रक्त को विषैला करने वाली) स्थितियों को रोकने में मदद करता हैं। इसमे उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो कि वातावरण को नुकसान से बचाने के लिए त्वचा की रक्षा में मदद करते हैं और उम्र बढ़ने के लक्षणो में देरी करते हैं।
# नीम मुंह को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है और विभिन्न प्रकार की मसूड़ों की बिमारियों से भी बचाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो मुंह में कैविटी, छाले, प्लेग, मसूड़े की सूजन और अन्य इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करती हैं। यह लम्बे लम्बे समय तक सांसों को ताजा रखने में भी मदद करता है और मुंह की बदबू को दूर करता है।
# अगर आपके कान में दर्द रहता है तो नीम का तेल इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद रहेगा। कई लोगों में कान बहने की भी बीमारी होती है, ऐसे लोगों के लिए भी नीम का तेल एक कारगर उपाय है।
# फिजियोलॉजी और औषध इंडियन जर्नल में प्रकाशित 2000 के एक अध्ययन के मुताबिक, भारतीय बकाइन या नीम रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में लाभकारी है और मधुमेह की शुरुआत को रोकने या देरी करने में सहायक हो सकता है।