Movie Review Badla : अभिनय लाजवाब, कथानक सशक्त, निर्देशन शानदार, जरूर देखें
By: Geeta Fri, 08 Mar 2019 2:44:56
फिल्म - बदला
निर्माता -रेड चिलीज और अजुरे एंटरटेनमेंट
लेखक - निर्देशक सुजॉय घोष
सितारे - अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, अमृता सिंह
कहानी - ओरिऑल पाउलो
रेटिंग - 4 स्टार
सुजॉय घोष ने स्वयं को थ्रिलर जोनर का बेहतरीन निर्देशक साबित किया है। सस्पेंस फिल्म का अन्त किस तरह से करना चाहिए यह अन्य निर्देशकों को सुजॉय घोष से सीखना चाहिए। दर्शक शुरूआत से लेकर अन्त तक सिर्फ कयास ही लगाता रह जाता है और जब अन्त खुलता है तो उसके होश उड़ जाते हैं। इस सप्ताह यह आपके लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म होगी। इसे आप परिवार के साथ देख सकते हैं इसमें कोई भी अश्लीलता नहीं है। यह फिल्म आपको बांधे रखती है।
लम्बे अरसे से बॉलीवुड में कोई सशक्त सस्पेंस थ्रिलर फिल्म नहीं आई थी। सुजॉय घोष की ‘बदला’ देखने के बाद महसूस हो रहा है कि इसको एक बार देखने के बाद दर्शक दोबारा सिनेमा घर जाना पसन्द करेगा। ‘बदला’ सुजॉय घोष की स्वयं की कहानी नहीं है अपितु उन्होंने इस फिल्म को स्पेनिश फिल्म ‘द इनविजिबल गेस्ट’ के रीमेक अधिकार खरीद कर इसे बनाया है। फिल्म में सिर्फ एक परिवर्तन किया गया है वह है अमिताभ बच्चन की भूमिका, जो मूल फिल्म में महिला ने निभाई है।
सुजॉय घोष ने फिल्म को पूरी तरह से कसकर रखा है। एक भी दृश्य ऐसा नहीं है जिसे देखते हुए यह महसूस हो कि यह नहीं होना चाहिए था। फिल्म का पाश्र्व संगीत दृश्यों को मजबूती प्रदान करता है। पूरी फिल्म में एक अपराध को लेकर अधिवक्ता पक्ष और विपक्ष में बहस करते रहते हैं, जहां दोनों पक्ष एक दूसरे को खूनी साबित करने की कोशिश करते हैं। वास्तविक कातिल कौन है यह सामने आने पर हर कोई हैरान है। इस फिल्म के लिए बस यह कहा जा सकता है कि देख चुके दर्शक इसका अन्त किसी को न बताएं वरना देखने का मजा खत्म हो जाएगा।
जहाँ अभिनय की बात है तो अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachan) ने वो काम किया है जो और किसी के बस का नहीं है। उनका अंदाज देखते ही बनता है। तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) ने मुश्किल किरदार को तन्मयता के साथ परदे पर उतारा है। ‘पिंक (Pink)’ के बाद एक बार फिर उन्होंने अपने अभिनय की विशेष प्रस्तुति दी है। तापसी से किरदार की आन्तरिक सोच, बाहरी व्यवहार को जिस तरह से अभिव्यक्त किया है उसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है। आश्चर्यचकित करती हैं अमृता सिंह, जो काफी समय बाद परदे पर वापस आई हैं। अपनी भूमिका को निखारने के लिए उन्होंने जो मेहनत की है वह साफ नजर आती है।
फिल्म का निर्देशन कसावट लिए हुए है। थोड़ी गति जरूर कम है लेकिन इतनी नहीं जो बोरियत पैदा करे। संवाद शानदार हैं। कुल मिलाकर ‘बदला’ एक कसी हुई सस्पेंस थ्रिलर है।
राजेश कुमार भगताणी