बाथरूम से जुड़े वास्तु टिप्स जिनकी मदद से आप पा सकतें है मानसिक तनाव से मुक्ति
By: Ankur Thu, 28 Dec 2017 6:37:22
भारत में वास्तुशास्त्र की महत्ता बहुत अधिक मानी जाती हैं। वास्तुशास्त्र घर में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति पाने के लिए उपयोग किया जाता हैं। वास्तु की दृष्टि से घर का हर भाग अपना महत्व रखता हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं बाथरूम के वास्तु के बारे में। शौचालय में वास्तुदोष होने पर घर में रहने वाले लोगों को मानसिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी परीशानियाँ का सामना करना पड़ता हैं। इसलिए बाथरूम का वास्तुदोष दूर करना बहुत जरूरी होता हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं बाथरूम से वास्तुदोष दूर करने के उपाय के बारे में।
* यदि आप अपने बाथरूम में एक कटोरी में खड़ा यानी साबूत नमक रखेंगे तो आपके घर के कई वास्तु दोष दूर हो जाएंगे। कटोरी में रखा नमक महीने में एक बार बदल लेना चाहिए। खड़ा नमक आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर लेता है और वातावरण को सकारात्मक बनाता है।
* वास्तु विज्ञान के अनुसार शौचालय और स्नानघर एक साथ नहीं होना चाहिए। लेकिन बड़े शहरों में जगह की कमी के कारण स्नान घर और शौचालय साथ होते हैं जिससे वास्तु दोष बनता है। इस तरह के दोष को दूर करने के लिए शौचालय में शीशे की कटोरी में नमक भरकर रखना चाहिए और सप्ताह में इसे बदलते रहना चाहिए।
* किसी भी भवन में टॉइलट ईशान कोण को छोड़कर कहीं भी बनाया जा सकता है। ईशान कोण में टॉइलट बनाने से स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां और आर्थिक कष्ट होने की संभावना रहती है। नहाने के लिए बाथरूम बनाने का सबसे अच्छा स्थान उत्तर या पूर्व दिशा होती है। जरूरत पड़ने पर बाकी दिशाओं में भी बनाए जा सकते हैं जहां पानी के नल व शावर उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं।
* यदि आपके बाथरूम में दर्पण लगा हुआ है तो इस बात का ध्यान रखें कि दर्पण दरवाजे के ठीक सामने न हो। जब-जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा बाथरूम में प्रवेश करती है। ऐसे समय पर यदि दरवाजे के ठीक सामने दर्पण होगा तो उस दर्पण से टकराकर नकारात्मक ऊर्जा पुन: घर में आ जाएगी।
* घर में बाथरूम का नल या किसी अन्य स्थान का नल लगातार टपकते रहता है तो यह बात छोटी नहीं है, वास्तु में इसे गंभीर दोष माना गया है। अत: नल से पानी टपकना बंद करवाना चाहिए।
* वास्तु के अनुसार बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना शुभ माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि बाथरूम में रखी बाल्टी हमेशा साफ पानी से भरी रहे। ऐसा करने पर घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
* इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच में कुछ दूरी अवश्य हो। बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच दूरी बनाने के लिए थोड़ी ऊंची दहलीज बनाई जा सकती है। जब बाथरूम का दरवाजा बंद रहेगा तब दहलीज के कारण दरवाजे के नीचे से भी नकारात्मक ऊर्जा कमरे में प्रवेश नहीं कर पाएगी।
* दिन में जितनी भी बार बाथरूम का प्रयोग करें, ध्यान रखे की उसका दरवाजा खुला न छूटे। बाथरूम का दरवाजा खुला रहना अच्छा नहीं माना जाता। अगर बेडरूम में भी बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा लगाना चाहिए। बाथरूम और बैडरूम में अलग-अलग तरह की ऊर्जाए होती है, जिनका संपर्क में आना अच्छा नहीं होता। ऐसा होने से घर के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।