Ganesh Chaturthi 2018 : शनि देव की दृष्टि से गणेश का सिर हुआ धड़ से अलग, पढ़े पूरी कथा

By: Ankur Tue, 11 Sept 2018 12:36:35

Ganesh Chaturthi 2018 : शनि देव की दृष्टि से गणेश का सिर हुआ धड़ से अलग, पढ़े पूरी कथा

गणपतिजी की पूजा-अर्चना सभी करते हैं। खासतौर पर गणेश चतुर्थी के दिन तो इसका महत्व ओर बढ़ जाता हैं। गणपति जी को गजानंद के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि गणेश जी का गज के समान होता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस गजमुख के पीछे कई कहानियाँ प्रचलित हैं, जिसमें से माता पार्वती द्वारा बालक की आकृति में प्राण डाल देने से जुडी कथा तो सभी जानते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जो शनि देव से जुडी हैं। तो आइये जानते हैं इस कथा के बारे में।

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार कथा कुछ ऐसी है कि एक बार भगवान शिव के शिष्य शनि देव कैलाश पर्वत पर आए। उस समय शिव ध्यान में थे तो शनिदेव सीधे पार्वती के दर्शन के लिए पहुंच गए। तब पार्वती बालक गणेश के साथ बैठी थीं। बालक गणेश का मुख सुंदर और हर तरह के कष्ट को भुला देने वाला था। शनिदेव आंखें नीची किए पार्वती से बात करने लगे।

पार्वती ने देखा कि शनिदेव किसी को देख नहीं रहे हैं। वे लगातार अपनी निगाहें नीची किए हुए हैं। पार्वती ने शनि देव से पूछा कि वे किसी को देख क्यों नहीं रहे हैं? क्या उनको कोई दृष्टिदोष हो गया है? शनिदेव ने कारण बताते हुए कहा कि उन्हें उनकी पत्नी ने शाप दिया है कि वो जिसे देखेंगे उसका विनाश हो जाएगा। पार्वती ने पूछा कि उनकी पत्नी ने ऐसा शाप क्यों दिया है तो शनिदेव कहने लगे कि मैं लगातार भगवान शिव के ध्यान में रहता हूं। एक बार में ध्यान में था और मेरी पत्नी ऋतुकाल से निवृत्त होकर मेरे समीप आई लेकिन ध्यान में होने के कारण मैंने उसकी ओर देखा नहीं।

उसने इसे अपना अपमान समझा और मुझे शाप दे दिया कि मैं जिसकी ओर देखूंगा, उसका विनाश हो जाएगा। ये बात सुन कर पार्वती ने कहा कि आप मेरे पुत्र गणेश की ओर देखिए, उसके मुख का तेज समस्त कष्टों को हरने वाला है। शनिदेव गणेश पर दृष्टि डालना नहीं चाहते थे लेकिन वे माता पार्वती के आदेश की अवहेलना भी नहीं कर सकते थे, सो उन्होंने तिरछी निगाह थे गणेश की ओर धीरे से देखा। शनि देव की दृष्टि पड़ते ही बालक गणेश का सिर धड़ से कटकर नीचे गिर गया। तभी भगवान विष्णु एक गजबालक का सिर लेकर पहुंचे और गणेश के सिर पर उसे स्थापित कर दिया।

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