Ramzan 2019: 5 की जगह होंगी 6 नमाजें, दुनिया भर में 57 मुस्लिम देशों में रखे जाएंगे रोजे, रमजान से जुड़े कुछ फैक्ट्स

By: Pinki Tue, 07 May 2019 09:50:33

Ramzan 2019: 5 की जगह होंगी 6 नमाजें, दुनिया भर में 57 मुस्लिम देशों में रखे जाएंगे रोजे, रमजान से जुड़े कुछ फैक्ट्स

रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना माना जाना जाता है। इस्लाम धर्म में इस महीने को काफी अहमियत दी जाती है। लोग पूरे महीने इबादतों में मशगूल रहते हैं। इस्लाम के लिए ये माह सब्र वाला होता है। शाबान की 30 तारीख यानी 6 मई को रमजान का चांद नजर आने पर 7 मई से रोजा शुरू होगा। दुनिया भर के मुसलमान द्वारा इस महीने को बेहद पवित्र माना जाता हैं और वे इस महीने में रोजे रखकर इसका सम्मान करते हैं। इस्लामी कैलंडर के अनुसार नौवां महीना रमजान का मुबारक महीना होता हैं। इस महीने में व्यक्ति अपने आप पर संयम रखना सीखता हैं। दुनिया भर में 57 मुस्लिम देशों में रोजे रखे जाएंगे, कुछ अफ्रीकी देशों में इसका समय एक-दो दिन आगे पीछे हो सकता है। एक रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया की कुल आबादी का 23% हिस्सा इस्लाम को मानने वाली है। दुनिया में 1.7 अरब लोगों के लिए रमजान का पवित्र महीना इबादत में गुजरने वाला है। इसके बाद रमजान की आखिरी तारीख को चांद दिखने पर 5 जून को ईद मनाई जाएगी। दिल्ली की शाही फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया कि रविवार शाम चांद कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें चांद दिखने की खबर कहीं से नहीं मिली। दिल्ली का आसमान साफ था फिर भी चांद नहीं दिखा। उन्होंने बताया कि सोमवार को इस्लामी महीने शाबान का 30 वां दिन होगा और पहला रमज़ान 7 मई को होगा। यानी पहला रोज़ा मंगलवार को होगा। ऐसा माना जाता है कि इस पाक महीने में आम दिनों में किए गए नेकी के काम की तुलना में 70 गुना अधिक नेकी मिलती है। मुसलमान इस महीने को इबादतों का महीना मानते हैं। इस दौरान वो दिनभर सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं, शाम को इफ्तार (शाम को रोजा खत्म करने के लिए खाया जाना वाला खाना) करते हैं और रात में खास नमाज तरावीह पढ़ते हैं और रात की आखिरी पहर में सेहरी (रोजा शुरू होने से पहले का खाना) खाते हैं।

ramazan 2019,roza,ramadan,ramzan 2019,ramzan ,रमजान,रोजा, माह-ए-रमजान,रमदान, रमदान 2019, रमजान 2019

रमजान में तरावीह का होता है खास महत्व

इस्लाम में हर मुसलमान को दिन में 5 बार नमाज पढ़ने का नियम है, लेकिन रमजान में 6 बार नमाज पढ़ी जाती है। छठी नमाद जो कि रात में होती है, इसे तरावीह कहा जाता है। रमजान में इस नमाज में हर दिन थोड़ा-थोड़ा कर के पूरी कुरान पढ़ी जाती है।

रमजान सिखाता है जीवन में संतुष्टि की ओर जाना

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) , दिल्ली के स्कॉलर डॉ. ए.आर.एम. सलीम किदवई के अनुसार रमजान का मकसद है खुद को गलत काम करने से रोकने की ताकत पैदा करना। भूख-प्यास और गलत आदतों को रोक कर संतुष्टि के भाव में रहना सिखाता है। शरीयत में इस ताकत को 'तक़वा' कहा जाता है। रमजान में कम से कम 29 और ज्यादा से ज्यादा 30 रोजे रखे जाते हैं। रमजान का महीना तमाम इंसानों के दुख दर्द व भूख प्यास को समझने का महीना है।

सिर्फ खाना और पानी नहीं, झूठ और गुस्से जैसी बातों का भी रोजा

रोजदार को सुबह सूरज उगने के बाद से सूरज छिपने तक कुछ भी खाने या पीने की इजाजत नहीं होती। रमजान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कामों के लिए माफी भी मांगी जाती है। महीने भर तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से सारे गुनाह खत्म जाते हैं। रमजान का मुबारक महीना नेक बनने की हिदायत देता है। रोजे में इंसान खुद को रोक लेता है। उसके सामने पानी होता है, लेकिन सख्त प्यास लगी होने के बावजूद रोजेदार उसे नहीं पीता। गलत बात होने के बावजूद खुद को गुस्सा होने से रोकता है। झूठ बोलने और बदनिगाही से परहेज करता है।

ramazan 2019,roza,ramadan,ramzan 2019,ramzan ,रमजान,रोजा, माह-ए-रमजान,रमदान, रमदान 2019, रमजान 2019

रमजान से जुड़े फैक्ट्स

- रमजान में एक दिन की 5 नहीं, 6 बार होती है नमाज

- दुनिया के लगभग 57 मुस्लिम देशों में मनाया जाता है रमजान

- दुनिया की 23% आबादी मुस्लिम, 1.7 अरब लोगों के लिए इबादत का महीना

- रमजान में होते हैं 3 अशरे (एक अशरा मतलब 10 दिन)

- इस्लाम की 5 बुनियादों में एक है रोजा

- रमजान में कम से कम 29 दिन रोजे रखे जाते हैं, लेकिन 30 से ज्यादा नहीं रख सकते।

- हर साल दिन कम हो जाने से 10 दिन पहले आ जाता है रमजान महीना

- 12 साल की उम्र से जरूरी होता है रोजा रखना

- रोजा नहीं रख पाने पर 1 दिन का खाना दान करना पड़ता है।

पीएम मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रमजान के पवित्र महीने के शुभारंभ पर लोगों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘रमजान के पवित्र महीने के शुरू होने पर बधाई। यह पावन महीना हमारे समाज में सौहार्द्र, खुशहाली और भाईचारा बढाए।’’

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘’रमज़ान के पाक महीने की सब को बहुत बहुत शुभकामनाएं।’’

इबादत में गुजरता है पूरा दिन-रात

इस महीने में रोज़ेदार सुबह की अज़ान (करीब 4 बजे) से पहले सेहरी करते हैं यानि कुछ खाते हैं और फिर दिनभर बिना कुछ खाए पिए बिताते हैं। शाम में मग़रिब की अज़ान यानि करीब 7 बजे के बाद इफ्तार के साथ अपना रोज़ा खोलते हैं। इस दौरान मुसलमान किसी तरह के भी खाने पीने की चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com