Rakhi 2018 : भाई को पहनाए घर पर बनी वैदिक राखी, प्यार भरे रिश्ते को बनाए और भी मजबूत
By: Ankur Sun, 26 Aug 2018 12:56:02
हर साल की तरह रक्षाबंधन Rakshabandhan का त्योंहार सावन की पूर्णिमा को मनाया जा रहा हैं, जो इस बार 26 अगस्त 2018 को पड़ रहा हैं। इस दिन बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती है और अपनी रक्षा का वचन भी मांगती है। बाजारों में कई तरह की राखियाँ प्रचलित हैं। लेकिन आज हम आपको जिस राखी के बारे में बताने जा रहे हैं वह घर पर ही बनाई जाती हैं और वह भाई-बहन के रिश्ते को ओए मजबूत बनाती हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं वैदिक राखी के बारे में। दूब (घास), अक्षत (चावल), केसर, चंदन और पीली सरसों के दाने इन पांचों वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावा में पिरो दें। इस प्रकार आपकी वैदिक राखी तैयार होती है। तो आइये जानते हैं वैदिक राखी के महत्व के बारे में।
* दूब
दूब का अंकुर तेजी से फैलता है उसी प्रकार भाई का वंश भी फैले इसलिए दूब का उपयोग किया जाता है।
* अक्षत (चावल)
राखी मे अक्षत होने का मतलब है भाई के प्रति श्रद्धा कभी सदैव बनी रहे।
* केसर
केसर की प्रकृति तेज होती है उसी प्रकार हमारा भाई भी तेजस्वी हो इसलिए केसर का उपयोग किया जाता है।
* चन्दन
चंदन सुगंध और शीतलता देता है उसी प्रकार भाई के जीवन में कभी मानसिक तनाव न हो और उसका जीवन सुगंध और शीतलता से भरा रहे।
* पीली सरसों के दाने
सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है उसी प्रकार उसका भाई समाज के दुर्गुणों एवं बुराइयों को समाप्त करने में तीक्ष्ण बने।