आज और कल दो दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी, जानें कैसे करें कन्हैया का श्रृंगार, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
By: Priyanka Maheshwari Tue, 11 Aug 2020 10:23:41
जगत के पालनहार भगवान विष्णुके आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (Shri Krishna Janmotsav) पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। पिछले साल की तरह ही इस साल भी कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) तिथि को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार पंचांग के अनुसार अष्टमी की तिथि 11 अगस्त यानि आज सुबह 9 बजकर 6 मिनट से आरंभ हो रही है। अष्टमी की तिथि 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रही है। 11 अगस्त को भरणी और 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र है। ऐसे में जन्माष्टमी का त्योहार इस साल 11 और 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। गृहस्थ और पारिवारिक लोग मंगलवार, 11 अगस्त यानी आज जन्माष्टमी का व्रत रख रहे हैं। जबकि वैष्णव, संत या संन्यासी बुधवार, 12 अगस्त को व्रत रखेंगे।
कैसे होगा श्रीकृष्ण का श्रृंगार?
पूजा से पहले स्नान जरूर करें। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा का विधान है। पूजा करने से पहले भगवान को पंचामृत और गंगाजल से स्नान जरूर करवाएं। श्री कृष्ण के श्रृंगार में फूलों का खूब प्रयोग करें। पीले रंग के वस्त्र, गोपी चन्दन और चन्दन की सुगंध से इनका श्रृंगार करें। श्री कृष्ण के श्रृंगार में इस बात का ध्यान रखें कि वस्त्र से लेकर गहनों तक कुछ भी काला नहीं होना चाहिए। काले रंग का प्रयोग बिल्कुल न करें। वैजयंती के फूल अगर कृष्ण जी को अर्पित किए जाएं तो सर्वोत्तम होगा। आपको ध्यान देना है कि भगवान कृष्ण के लिए आपने जो वस्त्र खरीदे हैं वो नए ही हो। अक्सर दुकानदार पुराने कपड़ों को ही नया बताकर बेच देते हैं। इस बात का आपको जरूर ध्यान रखना है।
क्या होगा प्रसाद?
जन्माष्टमी के प्रसाद में पंचामृत जरूर अर्पित करें। उसमें तुलसी दल भी जरूर डालें। मेवा, माखन और मिसरी का भोग भी लगाएं। कहीं-कहीं धनिये की पंजीरी भी अर्पित की जाती है। इस दिन श्रीकृष्ण को पूर्ण सात्विक भोजन अर्पित किए जाते हैं, जिसमें तमाम तरह के व्यंजन हों।
कैसे करें मूर्ति का चुनाव?
जन्माष्टमी पर बाल कृष्ण की स्थापना की जाती है। आप अपनी आवश्यकता और मनोकामना के आधार पर जिस स्वरूप को चाहें स्थापित कर सकते हैं। प्रेम और दाम्पत्य जीवन के लिए राधा-कृष्ण की, संतान के लिए बाल कृष्ण की और सभी मनोकामनाओं के लिए बंसी वाले कृष्ण की स्थापना करें। इस दिन शंख और शालिग्राम की स्थापना भी कर सकते हैं।
मथुरा में जन्माष्टमी 12 को, जगन्नाथ पुरी, बनारस और उज्जैन में 11 अगस्त को
जगन्नाथ पुरी, बनारस और उज्जैन में कृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त को मनाई जाएगी। क्योंकि 11 अगस्त से अष्टमी तिथि आरंभ होगी। मथुरा और द्वारिका में जन्माष्टमी 12 अगस्त के दिन ही मनाई जाएगी। अधिकतर स्थानों पर 12 अगस्त को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस साल 43 मिनट का पूजा का मुहूर्त है। जो रात्रि 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में श्रीकृष्ण जन्म की पूजा कर सकते हैं। यानि कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व 12-13 अगस्त की रात में मनाया जाएगा। जन्माष्टमी का पर्व 12 अगस्त को भी है। इस बार जन्माष्टमी का पर्व बेहद विशेष है। पंचांग के अनुसार इस दिन वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है।
ये भी पढ़े :
# इन उपायों से करें जग के पालनहार श्रीकृष्ण को प्रसन्न, सुख-समृद्धि से भर जाएगा जीवन
# बरसेगी आप पर श्रीकृष्ण की कृपा, इन उपायों से चमकाएं अपनी किस्मत
# कृष्ण जन्माष्टमी : आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगे ये उपाय, होगी बेशुमार बरकत
# कृष्ण जन्माष्टमी : अपनी मनोकामना के अनुसार करें विशेष मंत्रों का जाप
# कृष्ण जन्माष्टमी : इन 10 चीजों से मिलेगा कान्हा जी का विशेष आशीर्वाद
# कृष्ण जन्माष्टमी : इस तरह करें नंदलाला को प्रसन्न, मिलेगी असीम कृपा
# कृष्ण जन्माष्टमी : इन उपायों की मदद से होगी अभीष्ट फल की प्राप्ति