भाई दूज स्पेशल : भाई-बहन का त्योहार है यह, ध्यान रखें इससे जुडी ये बातें
By: Ankur Fri, 26 Oct 2018 11:56:07
भैया दूज का त्योहार दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता हैं। यह त्योहार एक भाई-बहन के अटूट रिश्ते को प्रदर्शित करता हैं। इस त्योहार से जुडी एक पौराणिक कथा है जो यमराज और यमुना नदी से जुडी हुई हैं। हर बहन को इस दिन का इंतजार होता हैं, क्योंकि हर बहन अपने भाई को इस दिन तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य और लम्बी उम्र की कामना करती हैं। इस त्योहार का महत्व देखते हुए आज हम आपके लिए कुछ ध्यान देने वाली बातें लेकर आए हैं। आइये जानते है उनके बारे में।
* भाई दूज के दिन भाइयों को अपनी बहनो के यहाँ जाकर टीका लगवाना चाहिए।
* भाई दूज के दिन भाइयों को अपनी बहनो के घर में ही भोजन करना चाहिए अपने घर में नहीं।
* बहने अपने भाइयों को टीका लगाते हुए यह ध्यान रखे कि भाइयों का मुखँ पूर्व दिशा की ओर हो , टीका लगाते हुए भाई एवं बहन दोनों को ही अपने सर पर कोई भी कपड़ा अवश्य ही रखना चाहिए अर्थात दोनों का सर ढंका होना चाहिए ।
* बहने अपने भाइयों को टीका लगाने के लिए एक थाली तैयार करें उसमें रोली, अखण्डित अक्षत( चावल ), मिष्ठान, नारियल, और पान रखा हो। ( बहुत स्थानों पर बहने अपने भाइयों का तिलक करने के बाद उनकी आरती भी उतारती है।)
* भाई दूज के दिन बहनो को चाहिए कि वह अपने भाइयो को टीका लगाने के बाद उनका मुहँ मीठा करवाकर भोजन के बाद उन्हें अपने हाथो से पान भी अवश्य ही खिलाएं, इससे भाइयों का सौभाग्य बढ़ता है उन्हें धन, यश की प्राप्ति होती है।
* इस दिन भाइयों को चाहिए कि वह अपनी बहनो को अपनी समर्थ के अनुसार उपहार अवश्य ही दें इससे कार्यों में अड़चने नहीं आती है धन लाभ का मार्ग प्रशस्त होता है।
* इस दिन भाइयों को अपनी बहनो को संतुष्ट करके अपने सिर एवं पीठ पर उनका हाथ फिरवा के आशीर्वाद अवश्य ही लेना चाहिए, इससे भाइयों के पास कोई भी संकट उन्हें छू भी नहीं पाता है।
* भाई दूज के दिन बहन को भाइयों का तिलक करके के बाद यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जला कर घर की दहलीज के बाहर रखना चाहिए, जिससे उसके घर में किसी प्रकार की विघ्न-बाधा न आए और उसका जीवन सुखमय व्यतीत हो।