स्वास्तिक बनाते समय रखें ध्यान इन बातें का
By: Ankur Tue, 02 Jan 2018 12:35:03
हिन्दू धर्म में कई मंगल्काई चिन्ह होते हैं जो लगभग सभी घरों में देखे जा सकते हैं। उनमें से एक है स्वास्तिक। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले स्वास्तिक ही बनाया जाता हैं जो शुभ और मंगल कामना का परिचायक होता हैं। स्वास्तिक को गणेश जी का प्रतीक चिन्ह माना जाता हैं और हर शुभ काम में गणेश जी की ही सबसे पहले पूजा की जाती हैं। स्वास्तिक वैसे तो मंगलकारी होता है लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं उन बातों के बारे में।
* घर में कभी भी उल्टा स्वास्तिकनहीं बनाया जाता इस बात का हमेशा ध्यान रखें। उल्टा स्वास्तिक मंदिरों में बनाने की प्रथा है, वह भी अपनी किसी मनोकामना के लिए। हमेशा ही मनोकामना पूरी होने के बाद मंदिर में जाकर सीधा स्वास्तिक बनायें।
* स्वस्तिक कभी भी आड़ा-टेढ़ा नहीं बनाना चाहिए। ये चिह्न एकदम सीधा और सुंदर बनाना चाहिए।
* इस बात का विशेष ध्यान रहे घर में स्वास्तिकजहां पर बनाना हो, वह जगह एकदम साफ हो।
* पूजा में हल्दी से स्वास्तिकबनाने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों दूर होती है। अन्य मनोकामनाओं के लिए पूजा में कुमकुम से स्वास्तिकबनाया जाता है।
* स्वास्तिक का मुँह हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इसका कारण यह हैं कि उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है। इसलिए इस दिशा में स्वास्तिक बनाने से धन लाभ होता है।
* स्वास्तिकसकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसलिये दरवाजे में स्वास्तिकबनाया जाता है जिससे घर दैवीय शक्तियां आकर्षित होती हैं, और घर का वास्तुदोष भी दूर होता हैं।
* स्वास्तिक की बॉर्डर बनाने के बाद इनके बीच चारो खाली जगह पर चार बिंदी अवश्य बनाए।
* स्वास्तिक का निशान अगर घर के मुख्य द्वार पर बनाया जाए तो यह वास्तुदोष को समाप्त करता है, इसके अलावा यह घर के बेहेत्गर सकारात्मक और दैवीय शक्तियों के प्रवेश को भी आकर्षित करता है।