कौनसा कंडोम बढ़ाएगा आपकी सेक्स लाइफ का मजा, जानें यह महत्वपूर्ण जानकारी
By: Ankur Tue, 01 Jan 2019 5:56:36
सेक्स में कंडोम का इस्तेमाल सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। लेकिन वर्तमान समय में कंडोम सुरक्षा के साथ सेक्स का मजा बढ़ाने का काम भी करते हैं। जी हाँ, आजकल बाजार में कई तरह के कंडोम आने लगे हैं और आप अपनी सहजता के अनुसार उनका चयन कर सकते हैं। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे कंडोम की जानकारी लेकर आए हैं जो आपकी सेक्स लाइफ का मजा बढ़ा देंगे।
* डॉटेड कंडोम
अगर आपको प्लेन कंडोम पसंद नहीं है तो आप डॉटेड कंडोम का चयन कर सकते हैं। इस कंडोम पर डॉट्स के चिन्ह बने होते हैं जो सेक्स के दौरान ज्यादा आनंद के लिए उत्तेजना पैदा करते हैं। अगर आपकी महिला पार्टनर की स्किन नाजुक है तो आप इसके प्रयोग से बचें।
* रिब्ड धारीदार कंडोम
डॉटेड कंडोम की तरह इस तरह के कंडोम भी सेक्स के दौरान उत्तेजना पैदा करते हैं। सेक्स के दौरान अधिक उत्तेजना पैदा करने के लिए कंडोम के निचले हिस्से तक धक्का मारना होता है। ये महिलाओं के लिए सेक्स को अधिक सुखद बनाता है। आप इसे यूज करके फेंक सकते हैं।
* अल्ट्रा-थिन कंडोम
अगर आप सेक्स का अधिक आनंद लेना चाहते हैं तो आप इस कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये कंडोम अन्य कंडोम की तुलना में पतली चादर का बना होता है जिससे सेक्स के दौरान ज्यादा उत्तेजना पैदा होती है। लेकिन इस कंडोम के फटने के चांस ज्यादा होते हैं इसलिए सावधान रहना चाहिए।
* फ्लेवर कंडोम
इस कंडोम का इस्तेमाल ओरल सेक्स के दौरान किया जा सकता है। ये कंडोम चॉकलेट, कॉफी, वेनिला, स्ट्रॉबेरी, आम, केला आदि फ्लेवर में आते हैं। अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है तो इससे आपको जलन हो सकती है।
* एक्स्ट्रा प्लेजर कंडोम
अगर आप काफी देर तक सेक्स करना चाहते हैं तो ये आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। इसमें बेन्जोकिने (benzocaine) शामिल होते हैं जो लंबे समय तक सेक्स करने में मदद करते हैं। ये लिंग को कुछ समय के लिए सुन्न कर देता है जिससे व्यक्ति देर तक सेक्स कर सकता है। लेकिन इसके कुछ साइड इफैक्ट्स भी हैं जैसे जलन,खाज-खुजली और सांस लेने में परेशानी होना।
तनाव रहित सैक्स की चाह तो करें कंडोम का इस्तेमाल, रहे निश्चिंत
भारतीय परिवेश में कंडोम का इस्तेमाल ज्यादातर पुरुषों द्वारा ही किया जाता है। जोडा इसका अनचाहे गर्भ से बचने और एसटीडी को रोकने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसा नहीं है कि भारत में महिला कंडोम उपलब्ध नहीं हैं, महिला कंडोम भी बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें पुरुष कंडोम की तुलना में कम पसंद किया जाता है और इनका इस्तेमाल भी कम किया जाता है। इसकी वजह शायद यही है क्योंकि पुरुष कंडोम को पहनना और उपयोग करना आसान है।
कंडोम आमतौर पर लेटेक्स या पॉलीयुरेथेन से बने होते हैं। कंडोम एक पतली झिल्ली की तरह होते हैं जो स्पर्म (वीर्य) को वैजाइना (योनि) में प्रवेश करने से रोकते हैं और इस तरह एक अनचाहे गर्भ और एसटीडी की संभावना कम हो जाती है। पुरुष कंडोम आमतौर पर लेटेक्स से बने होते हैं और महिला कंडोम पॉलीयुरेथेन के बनाए जाते हैं। पुरुष कंडोम को लिंग के ऊपरी हिस्से (पेनिस) पर धीरे-धीरे चढाया जाता है जबकि महिला कंडोम को योनि के अंदर पहना जाता है।
ऐसे करता है पुरुष कंडोम काम — जब पुरुष कंडोम पहनता है तो वह अपने लिंग (पेनिस) को पूरी तरह से इससे ढकता है। पेनिस पूरी तरह से इरेक्ट होने पर ही कंडोम पहना जाता है। संभोग पेनिट्रेशन के समय स्पर्म (तरल पदार्थ जिसमें शुक्राणु या स्पर्म होता है) को वैजाइना में प्रवेश करने से रोकने का काम कंडोम करता है। इजैक्युलेशन के समय स्पर्म कंडोम के किनारे या नोक के पास जमा हो जाते हैं।
संभोग के वक्त जब पुरुष स्वयं को चरमोत्कर्ष पर पाता है, तब उसे महसूस होता है कि उसका वीर्य बाहर निकलने वाला है। ऐसी स्थिति में आते ही उसे अपने लिंग को योनि से बाहर निकाल लेना चाहिए। लिंग के तनाव में कमी आने पर लिंग के ऊपर लगा कंडोम फिसलने लगता है और ऐसे में वीर्य के योनि के अन्दर पहुंचने की संभावना बढ जाती है।
यूं करता है महिला कंडोम काम — महिला कंडोम में एक बंद ओपन एंड रिंग जैसी होती है। कंडोम के बंद किनारे वाले हिस्से को अंगूठे की मदद से योनि के अन्दर डाला जाता है जबकि दूसरा हिस्सा योनि के खुले हुए हिस्से के पास रहता है। कंडोम योनि की दीवारों पर स्पर्म और सर्विक्स या गर्भाशय ग्रीवा के बीच एक रुकावट के तौर पर काम करता है। संभोग के बाद कंडोम तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।