हर व्यक्ति को जानना जरूरी है, सेक्स और फर्टिलिटी से जुड़ी यह जानकारी

By: Ankur Tue, 13 Nov 2018 12:48:30

हर व्यक्ति को जानना जरूरी है, सेक्स और फर्टिलिटी से जुड़ी यह जानकारी

हर कपल के मन में सेक्स से जुड़े कई सवाल होते हैं, जो वे किसी से पोछने से कतराते हैं। खासतौर से फर्टिलिटी और गर्भधारण से जुड़े सवालों का वे जवाब जानना चाहते हैं। इसलिए आज हम आपकी दुविधा को दूर करने के लिए सेक्स से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब लेकर आए हैं, जो आपकी हर उलझन को दूर कर देंगे। तो आइये जानते है इस जानकारी के बारे में।

* कैसे होती है फर्टिलिटी

लिंग के नीचे अंग की तरह एक अंडकोश (scrotum) की थैली होती है। अंडकोश पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणुओं का उत्पादन करते हैं। इजेकुलेशन पर स्पर्म को मूत्र मार्ग से मुक्त किया जाता है। यौन संबंध के दौरान, लिंग गर्भाशय (cervix) के पास होता है, जहां से शुक्राणु आगे की ओर जाते हैं और अंडाशय (ovum) तक पहुंचते हैं। अंडकोश (testicles) के अंदर उत्पादित शुक्राणुओं को परिपक्वता के लिए वृषण (testes) से अधिवृषण (epididymis) में आ जाते हैं। यहां पर शुक्राणु लगभग 15-20 दिनों तक संग्रहीत रहते है अगर उन्हें बाहर नहीं किया जाता है तो।

* कम सेक्स का भी होता है असर

शोध कर्ता बताते है कि लंबे समय तक अधिवृषण (epididymis) में शुक्राणुओं का भंडारण उनके डीएनए में परिवर्तन का कारण बनता है। यह शरीर में मुक्त कणों के कारण होता है। शुक्राणु गर्मी के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं और शरीर में जितना अधिक समय बिताते हैं, गर्मी के जोखिम से उतना ही अधिक खतरा होता है। ये कारक शुक्राणुओं की संख्या में कमी, पुरुष बांझपन और शुक्राणुओं के असामान्य आकार का कारण बनते है।

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* क्या ज्यादा सेक्स का होता है असर

शोध कर्ताओं के मुताबिक ज्यादा इजेकुलेशन पुरुष बांझपन और पुरुष प्रजनन क्षमता में कमी की गारंटी नहीं दे सकता है। एक सप्ताह की अधिकतम अवधि तक व्यक्ति बिना इजेकुलेशन के रह सकता है। स्खलन में देरी के साथ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन संचित शुक्राणु का आनुवांशिक और गुणवत्ता के आधार पर खराब होने का खतरा होता हैं। टेस्टिकल्स में जितने अधिक मात्रा में शुक्राणु खर्च होते हैं उतना ही अधिक गर्मी के संपर्क में आने का जोखिम होता है जो उन्हें मार सकता है।

* कितनी बार सेक्स करना होता है सही

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि गर्भ में शुक्राणु तीन दिनों तक रहता है। तो हर 2-3 दिनों में यौन संबंध रखने से यह सुनिश्चित हो सकता है कि शुक्राणु हमेशा अंडाशय (ovulation) के बाद जारी अंडे के लिए उपलब्ध होते हैं। इससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञो का सुझाव है कि अच्छे परिणामों के लिए वे अपने पार्टनर के ओव्यूलेशन पीरियड से एक सप्ताह पहले से ही यौन संबंध रखें। हर 2-3 दिनों में यौन संबंध रखने से गर्भधारण के चांस बढ़ सकते है।

* लेते रहें ब्रेक

आस्ट्रेलिया में किए गए शोध में पाया गया कि सात दिनों के लिए यौन संबंध अधिक सक्रिय और मोटे शुक्राणुओं के परिणामस्वरूप आनुवांशिक क्षति (genetic damage) में 12% की कमी आई थी। हालांकि – शुक्राणु की संख्या में कमी (sperm concentration) का कारण बन गया, लेकिन अभी भी वे स्वस्थ सीमा में बने रहे। इन परिणामों के आधार पर, शोधकर्ताओं ने पाया कि एक पखवाड़ें के लिए दैनिक यौन संबंध रखने से शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम हो सकती है। इसलिए आपको यहां ब्रेक लेने की जरूरत है।

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