
सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो गया है जिसने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को छू लिया है। अक्सर दोनों देशों के बीच राजनीतिक मतभेद और तनाव सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार खेल ने फिर साबित किया कि इंसानियत और भावनाओं की कोई सरहद नहीं होती। दरअसल, यह घटना वुमन क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले की है, जो भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला जा रहा था। जैसे ही मैच शुरू होने से पहले भारत का राष्ट्रगान “जन गण मन” गूंजा, टीवी के सामने बैठे तीन पाकिस्तानी क्रिकेट फैंस ने ऐसा कदम उठाया जिसे देखकर हर किसी का दिल भर आया।
पाकिस्तानियों ने गाया भारत का राष्ट्रगान
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि तीन पाकिस्तानी नागरिक — जिनमें दो युवा पुरुष और एक छोटी बच्ची शामिल हैं — भारत का राष्ट्रगान बजते ही अचानक खड़े हो जाते हैं। उन्होंने सीने पर हाथ रखा, चेहरे पर मुस्कान थी, और आंखों में भारतीय तिरंगे के प्रति सम्मान साफ झलक रहा था। इतना ही नहीं, वे राष्ट्रगान के शब्दों को होंठों से दोहराने लगे। सुनिधि चौहान की आवाज़ के साथ उनका यह भावनात्मक पल सोशल मीडिया पर भावनाओं का सैलाब ले आया। यह वीडियो अब एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लाखों व्यूज़ पा चुका है। कई यूजर्स ने इसे “स्पोर्ट्समैनशिप और इंसानियत की असली मिसाल” बताया है।
कौन हैं ये पाकिस्तानी फैन?
वीडियो पाकिस्तान के एक शख्स अरशद मोहम्मद (Arshad Muhammad) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया है। वीडियो में वे अपने घर पर बड़ी स्क्रीन पर भारत बनाम साउथ अफ्रीका फाइनल मैच देख रहे थे। जैसे ही राष्ट्रगान शुरू हुआ, उन्होंने अपने रिएक्शन को रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। कुछ ही घंटों में यह क्लिप वायरल हो गई और भारत-पाकिस्तान दोनों देशों के न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का विषय बन गई।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
वीडियो पर लोगों की भावनाएं भी उमड़ पड़ीं। एक यूजर ने लिखा, “भाई, आपको बहुत सारा प्यार और इज्जत। आपने दिल जीत लिया।” दूसरे यूजर ने मज़ाकिया अंदाज़ में लिखा, “अगर कोई भारतीय पाकिस्तान का राष्ट्रगान गाता, तो अब तक सोशल मीडिया फट पड़ा होता।” वहीं एक और ने कहा, “भारत के लिए इतना सम्मान देखकर दिन बन गया भाई।”
क्रिकेट से बढ़कर है इंसानियत
यह वीडियो सिर्फ क्रिकेट का नहीं बल्कि मानवता और आपसी सम्मान का प्रतीक बन गया है। सीमाएं चाहे जितनी सख्त क्यों न हों, खेल और संगीत के ज़रिए दिलों के बीच पुल हमेशा बन सकते हैं। यह घटना याद दिलाती है कि खेल सिर्फ जीत-हार का नहीं, बल्कि लोगों को करीब लाने का जरिया भी है।














