
देशभक्ति का जज़्बा जब हद से आगे निकल जाए तो वह जश्न नहीं, खतरे में बदल सकता है। 15 अगस्त के मौके पर ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें कुछ युवक जेसीबी मशीन के बकेट पर चढ़कर आसमान छूते नजर आते हैं और सैकड़ों फीट की ऊंचाई से तिरंगा फहराते हैं। देखने वालों के लिए यह नजारा भले ही रोमांचकारी रहा हो, लेकिन हकीकत में यह किसी भी क्षण जानलेवा साबित हो सकता था।
आसमान की ऊंचाई पर तिरंगा
वीडियो में साफ दिखाई देता है कि जैसे ही मशीन का ऑपरेटर बकेट को धीरे-धीरे ऊपर उठाता है, वैसे ही युवाओं का जोश और नारेबाजी भी बढ़ जाती है। ऊपर पहुंचकर वे राष्ट्रीय ध्वज को लहराते हैं और ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजते हैं। नीचे मौजूद लोग ताली बजाते हैं और इस खतरनाक दृश्य को अपने मोबाइल में कैद करने में व्यस्त रहते हैं। लेकिन किसी ने यह सोचने की जहमत नहीं उठाई कि अगर मशीन का बैलेंस बिगड़ जाता या हाइड्रोलिक सिस्टम अचानक फेल हो जाता, तो यह क्षण उत्सव से मातम में बदल सकता था।
जेसीबी का गलत इस्तेमाल
विशेषज्ञों के अनुसार जेसीबी मशीन का बकेट मिट्टी, मलबा या सामान उठाने के लिए बना है, इंसानों को हवा में ले जाने के लिए नहीं। ऊंचाई पर जाते समय मशीन में हल्की-सी तकनीकी खराबी भी बैठे हुए लोगों की जान के लिए घातक हो सकती है। यही वजह है कि इस तरह के स्टंट को न सिर्फ लापरवाही माना जाता है, बल्कि यह कानूनी तौर पर भी खतरनाक और प्रतिबंधित है।
सोशल मीडिया पर मिला गुस्सा और तंज
यह वीडियो इंस्टाग्राम पर ghantaa नामक पेज से साझा किया गया है, जिसे अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। कुछ ने इसे लाइक किया, तो बड़ी संख्या में यूजर्स ने नाराजगी भी जताई। एक यूजर ने लिखा – “भाई, जिंदगी से आजादी चाहिए क्या?” वहीं दूसरे ने कमेंट किया – “ऐसी देशभक्ति जान ले लेगी।” कई लोग इस स्टंट को पागलपन बताते हुए चेतावनी दे रहे हैं कि ज़रा-सी चूक किसी के जीवन को खत्म कर सकती है।
देशभक्ति या लापरवाही?
वीडियो के वायरल होने के बाद अब बहस छिड़ गई है कि क्या तिरंगे के सम्मान के नाम पर ऐसे खतरनाक कारनामों को बढ़ावा देना सही है। देशभक्ति दिखाना जरूरी है, लेकिन अगर वह जीवन को ही खतरे में डाल दे तो यह जुनून कहीं न कहीं गैर-जिम्मेदारी की हद तक पहुंच जाता है। विशेषज्ञ और आम लोग दोनों ही यही कह रहे हैं कि देश के प्रति प्यार को सुरक्षित और जिम्मेदाराना तरीके से मनाया जाना चाहिए, न कि ऐसे जोखिम भरे स्टंट करके।














