
उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की ग़ैरक़ानूनी बिक्री और वितरण के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने एक बड़ा अभियान चलाया। इस कार्रवाई में छह जिलों की 11 मेडिकल फर्मों पर गंभीर आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज कराते हुए पूरे नेटवर्क का खुलासा किया गया।
एफएसडीए की टीमों ने जौनपुर, सोनभद्र, भदोही, लखीमपुर खीरी, प्रयागराज और बहराइच जिलों में छापेमारी की। जांच के दौरान पता चला कि कई दवा दुकानों और सप्लाई फर्मों द्वारा कोडीन युक्त सिरप और अन्य नारकोटिक दवाओं को डॉक्टर की पर्ची के बिना ग़ैरक़ानूनी तरीके से बेचा जा रहा था। बहराइच में तो बिना पंजीकरण की एक फर्म इस तरह के सिरप की सप्लाई कर रही थी।
सभी आरोपी फर्में एबाट हेल्थ केयर, लबोरेट फार्मास्यूटिक और थ्री बी हेल्थकेयर जैसी कंपनियों की सप्लाई चेन से जुड़ी थीं। कई जगहों पर दवाओं के भंडारण की मूलभूत व्यवस्था भी नहीं मिली। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ फर्मों का इस्तेमाल सिर्फ बिलिंग के लिए किया जा रहा था, जबकि दवाओं की वास्तविक आपूर्ति कहीं और से की जा रही थी।
एफएसडीए आयुक्त रोशन जैकब ने बताया कि जौनपुर जिले में वान्या एंटरप्राइज के विशाल उपाध्याय, आकाश मेडिकल स्टोर के आकाश मौर्य, मनीष मेडिकल स्टोर के अरुण सोनकर और शिवम मेडिकल स्टोर के शिवम कुमार मौर्य के विरुद्ध NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया गया है।
इसी तरह सोनभद्र में मां कृपा मेडिकल स्टोर के सत्यम कुमार, दिलीप मेडिकल स्टोर के दिलीप कुमार, लखीमपुर खीरी के पीयूष मेडिकल स्टोर के सरोज कुमार मिश्रा, प्रयागराज के MK हेल्थकेयर के मो. सैफ और बहराइच में बिना नाम की अवैध फर्म चलाने वाले नीरज कुमार दीक्षित के खिलाफ भी सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
आयुक्त ने बताया कि अब तक पूरे प्रदेश में कुल 98 एफआईआर की जा चुकी हैं। इनमें वाराणसी की 28, जौनपुर की 16, कानपुर की 8, लखीमपुर खीरी की 4 और लखनऊ की 3 फर्में शामिल हैं। इसके अलावा रायबरेली, चंदौली, सुल्तानपुर और गाजीपुर जिलों की कई फर्में भी जांच के दायरे में आ चुकी हैं।
जांच में यह साफ हुआ कि इन फर्मों ने कोडीन आधारित सिरप और अन्य नशीली दवाएं बिना डॉक्टर की अनुमति के बेचीं और इन्हें अवैध रूप से नशे के उपयोग के लिए सप्लाई किया गया। इस पूरे रैकेट का कनेक्शन झारखंड के रांची स्थित 'शैली ट्रेडर्स' से भी सामने आया है।
एफएसडीए ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर नारकोटिक दवाओं की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखने, लाइसेंस नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने और अनियमितता पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है।














