
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वोट चोरी का आरोप लगाया और इस दौरान कुछ मोबाइल नंबर भी साझा किए। इनमें से एक नंबर प्रयागराज के अंजनी मिश्रा का बताया गया। अंजनी ने अब इस मामले में अपना विरोध जताते हुए कहा कि उनका नंबर गलत तरीके से दिखाया गया और रिपोर्ट पूरी तरह से फर्जी है। यमुनानगर जोन, मेजा निवासी अंजनी मिश्रा का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया नंबर उनका व्यक्तिगत मोबाइल नंबर है। नंबर सार्वजनिक होने के बाद अंजनी के पास अचानक अनगिनत कॉल आने लगे, जिससे वह काफी परेशान हो गए। उन्होंने कहा कि वह सेल्स डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं और कभी महाराष्ट्र नहीं गए, जबकि रिपोर्ट में ऐसा प्रस्तुत किया गया। अंजनी ने स्पष्ट किया कि उनका मोबाइल नंबर फर्जी वोटर मामले में वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह नंबर उन्होंने पिछले 15 सालों से उपयोग किया है और यह पूरी तरह से प्रयागराज का है। अंजनी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने उनके वोटर आईडी को गलत संदर्भ में पेश किया और उन्हें उस रिपोर्ट से जोड़ दिया जो फर्जी तरीके से बनायी गई थी।
पुलिस से करेंगे शिकायत
अंजनी मिश्रा ने कहा कि वह अब इस मामले में पुलिस से मदद लेंगे और राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके नंबर को उन लोगों की सूची में शामिल किया गया जिन्होंने अपना वोट हटवाने के लिए आवेदन दिया था, जबकि उन्होंने ऐसा कोई आवेदन नहीं किया। अंजनी ने कहा कि राहुल गांधी के द्वारा उनका नंबर सार्वजनिक करने के बाद उन्हें लगातार अनजान लोगों के कॉल आ रहे हैं, जिससे उनका निजी और पेशेवर जीवन प्रभावित हो रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का संदर्भ
गुरुवार, 18 सितंबर को दिल्ली में राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी के सबूत दिखाते हुए दावा किया कि सॉफ़्टवेयर के माध्यम से विपक्ष के वोटरों को टारगेट किया जा रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस आरोप से इंकार किया है।














