
फिरोजाबाद में खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने शनिवार शाम जलेसर रोड स्थित ब्रह्मलाल ट्रेडर्स आटा फैक्ट्री पर छापेमारी कर उसे सील कर दिया। प्रशासन को संदेह था कि फैक्ट्री में घटिया गेहूं के आटे में सफेद पाउडर मिलाकर आटा तैयार किया जा रहा है। छापेमारी के दौरान टीम को सात बोरी सफेद पाउडर मिली, जो संभवतः सेलाखड़ी (कैल्शियम) हो सकती है। इस कार्रवाई में लगभग 20 लाख रुपये का माल जब्त किया गया और फैक्ट्री मालिक मौके से फरार हो गया।
खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने ब्रह्मलाल ट्रेडर्स पर किया छापा
कुछ दिनों पहले प्रशासन को शिकायत मिली थी कि ब्रह्मलाल आटा फैक्ट्री में खराब गेहूं और चावल के आटे में सफेद पाउडर मिलाकर आटा तैयार किया जाता है। सहायक आयुक्त चंदन पांडेय के नेतृत्व में टीम शनिवार चार बजे फैक्ट्री पहुंची। मौके पर लगभग 30 कुंतल आटा तैयार पाया गया और सात बोरियां अलग रखी मिलीं, जिनमें सफेद पाउडर था।
750 कुंतल गेहूं और आटे-पाउडर के नमूने जब्त
टीम ने 750 कुंतल गेहूं के साथ ही आटे और पाउडर के नमूने भी जब्त किए। सहायक आयुक्त (खाद्य) ने बताया कि फैक्ट्री स्वामी संजय गुप्ता से सफेद पाउडर के बारे में पूछा गया, लेकिन उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया और मौके से भाग गए। आटे और पाउडर के नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला भेजी गई है।
मिलावटखोरी का मामला दर्ज
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में रात में फैक्ट्री स्वामी के खिलाफ मिलावटखोरी का मुकदमा दर्ज किया गया। जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लाइसेंस निलंबित और संभावित सजा
सहायक आयुक्त ने चेतावनी दी कि ऐसे आटे में सेलाखड़ी जैसी अखाद्य सामग्री मिलाने से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस मामले में तीन वर्ष तक की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही फैक्ट्री का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।
‘चक्की फ्रैश’ नाम से बिक रहा घटिया आटा
फैक्ट्री में तैयार आटा ‘चक्की फ्रैश’ के नाम से स्थानीय बाजार और आसपास के जिलों में सप्लाई किया जाता था। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि नमूनों की जांच आगरा लैब में कराई जाएगी और रिपोर्ट दो-तीन दिन में मिल जाएगी।
पहचान मुश्किल, प्रयोगशाला में ही पकड़ होती है
गेहूं के आटे में मिलावट की शिकायतें आमतौर पर चावल के आटे तक सीमित थीं, लेकिन इस बार पाउडर मिलाने का मामला सामने आया है। सहायक आयुक्त ने कहा कि सफेद पाउडर की मिलावट का पता लगाना आसान नहीं है और इसे केवल प्रयोगशाला जांच के जरिए ही पकड़ा जा सकता है।
स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश यादव ने बताया कि लंबे समय तक शरीर में अनावश्यक कैल्शियम पहुँचने से हृदय, लिवर और गुर्दे की बीमारियां हो सकती हैं। पथरी जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। चूंकि आटा रोजाना खाया जाता है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक है।














