
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली में हाल ही में हुई दिशा बैठक के दौरान सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ अपने वाद-विवाद पर प्रतिक्रिया दी। दिनेश सिंह ने बताया कि बैठक के दौरान राहुल गांधी बैठक के एजेंडे से हटकर अन्य मुद्दों पर चर्चा करना चाह रहे थे। इस पर दिनेश ने कहा, “हमने स्पष्ट किया कि दिशा के नियमों के तहत केवल बैठक के विषय पर ही चर्चा हो सकती है। राहुल गांधी दिशा के सुपरवाइजर हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह मंच का मालिक बन जाएँ।”
मंच पर नियंत्रण और बैठक का एजेंडा
दिनेश ने आगे बताया कि राहुल गांधी यह कह रहे थे कि वे बैठक के अध्यक्ष हैं। इस पर उन्होंने कहा, “यदि आप नियमों की परिधि में रहेंगे तो आप अध्यक्ष हैं, लेकिन परिधि के बाहर नहीं। हम मंच का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए नहीं होने देंगे। दिशा के 43 कार्यक्रमों के अलावा किसी अन्य बैठक की अनुमति नहीं दी जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंच और बैठक का संचालन सिर्फ निर्धारित नियमों के अनुसार ही होगा।
संस्कार और व्यक्तिगत शिष्टाचार पर टिप्पणी
अपने बेटे के राहुल गांधी के साथ मिलने के अनुभव पर दिनेश ने कहा, “भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार हमें उनके पैर छूकर सम्मान देना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी मेरे पिता की उम्र के हैं।” इस बयान से दिनेश ने अपने पारिवारिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को भी साझा किया।
प्रदर्शन और पुलिस प्रोटोकॉल पर आपत्ति
दिशा बैठक के पहले दिन आयोजित कार्यक्रमों के दौरान पुलिस के व्यवहार पर भी दिनेश ने खुलासा किया। उन्होंने कहा कि “पहली बार राहुल गांधी के लिए रेहड़ी-पटरी वालों को सड़क से हटाया गया। इसके लिए 70 किलोमीटर का डायवर्सन लागू किया गया था। मैंने इसका विरोध दर्ज कराया है और भविष्य में जब भी राहुल गांधी आएंगे, किसी भी रेहड़ी-पटरी वाले के साथ ऐसा नहीं होगा।”
इस तरह दिनेश प्रताप सिंह ने बैठक के दौरान उठे विवाद, मंच संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल के मुद्दों पर अपने विचार स्पष्ट किए, जिससे दिशा बैठक की कार्यप्रणाली और नियमों के पालन पर भी प्रकाश डाला गया।














