
उत्तर प्रदेश एटीएस और एसटीएफ ने हाल ही में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया, जो एक आम आदमी की सोच से कहीं ज़्यादा गहरा और संगठित निकला। इस पूरे मामले के केंद्र में हैं छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन – एक ऐसा नाम, जिसने आस्था की आड़ में फरेब का खेल खेला। जांच एजेंसियां लगातार उससे पूछताछ कर रही हैं, और इस फर्जी बाबा के चेहरे से परते धीरे-धीरे उतरती जा रही हैं। जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा ने खुद को RSS से जुड़ी संस्था का बड़ा पदाधिकारी बताकर प्रशासन और नेताओं को गुमराह किया। आम लोगों का भरोसा जीतने के लिए उसने अपने लेटरहेड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर तक छाप दी — ताकि किसी को शक न हो और उसका झूठ और पुख्ता लगे। उसने खुद को “भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ” नामक संगठन का अवध प्रांत महासचिव बताया, जो कि असल में ईदुल इस्लाम नामक एक और आरोपी द्वारा संचालित किया जा रहा था। इतनी चतुराई से उसने नागपुर – जहां RSS का मुख्यालय है – में भी एक फर्जी केंद्र स्थापित कर दिया ताकि संस्था को वैध रूप देने का भ्रम बना रहे। जब वह अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलने जाता, तो नरेंद्र मोदी की फोटो वाले लेटरहेड का उपयोग करता। और फिर, RSS के वरिष्ठ नेताओं के नाम लेकर खुद को बेहद प्रभावशाली और प्रतिष्ठित संगठन का हिस्सा दर्शाता — यह सब कुछ सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था।
मुस्लिम देशों से फंडिंग मिली
ATS द्वारा दर्ज FIR के मुताबिक, छांगुर बाबा की योजना किसी आम धोखाधड़ी की नहीं थी — बल्कि उसका इरादा विदेशी फंडिंग से आतंकी ट्रेनिंग सेंटर खोलने का था। संदेह है कि उसे पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिली है। जांच में 22 अलग-अलग बैंक खातों के जरिए लगभग 60 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का भी खुलासा हुआ है।
ईडी की जांच में और भी चौंकाने वाले राज
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जो जानकारियाँ दी हैं, वो और भी चौंकाने वाली हैं। यूपी और महाराष्ट्र में छांगुर बाबा के पास 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियाँ हैं, जिनमें कई सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बनाई गई हैं। मुंबई की एक बहुमूल्य प्रॉपर्टी ‘रनवाल ग्रीन्स’ भी एक संदिग्ध सौदे के जरिए खरीदी गई थी। इतना ही नहीं, जांच में पता चला है कि उसका कनेक्शन पनामा की एक संदिग्ध कंपनी ‘Logos Marine’ से भी जुड़ा है, जिससे यह पक्का हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसे फंडिंग मिल रही थी।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
फिलहाल छांगुर बाबा हिरासत में है और एटीएस, एसटीएफ और ईडी मिलकर उसके पूरे नेटवर्क की जांच कर रही हैं। उस पर धार्मिक भावनाएं भड़काने, आतंकी गतिविधियों की साजिश, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला अब सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा का भी बन गया है।














