
मेरठ–बागपत रोड पर शुक्रवार सुबह एक भयावह सड़क हादसा सामने आया, जिसमें सेना के एक जवान की जान चली गई। जानी थाना क्षेत्र के साईं मंदिर के पास तेज रफ्तार में जा रही कार अचानक नियंत्रण खो बैठी और सड़क किनारे खड़े बड़े पेड़ से टकराते हुए गहरी खाई में जा गिरी। जोरदार टक्कर से कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और जवान की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने पहुंचकर कार को खाई से बाहर निकलवाया और अंदर फंसे शव को बाहर निकाला।
पत्नि से मिलने जा रहे थे सेना के जवान राहुल
मृतक जवान की पहचान बुलंदशहर जिले के खुर्जा थाना क्षेत्र के गांव हजरतपुर निवासी 32 वर्षीय राहुल कुमार पुत्र जगबीर सिंह के रूप में हुई। राहुल अपनी होंडा कार से सुबह-सुबह बागपत जा रहे थे, जहां उनकी पत्नी प्रीति पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। दोनों लंबे समय बाद मिलने वाले थे, लेकिन रास्ते में यह हादसा हो गया और उनका सफर हमेशा के लिए थम गया।
तेज रफ्तार ने ली जान, कार पेड़ से टकराकर चकनाचूर
जैसे ही राहुल की कार साईं मंदिर के पास पहुंची, वह अचानक अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे लगे पेड़ से जा भिड़ी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार सीधा खाई में पलट गई और उसका अगला हिस्सा पूरी तरह दब गया। घायल जवान कार के अंदर ही फंस गया और वहीं उसकी जान चली गई। मौके पर पहुंची जानी पुलिस ने क्रेन मंगवाकर कार को बाहर निकलवाया और फिर अंदर फंसे शव को बाहर ले जाया गया।
कार में मिले कागज़ात और दस्तावेजों के आधार पर पुलिस ने मृतक की पहचान की और परिवार को हादसे की जानकारी दी। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर दुर्घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए हैं।
प्रीति इंतजार कर रही थीं, पहुंची मौत की खबर
राहुल की पत्नी प्रीति उस सुबह अपने पति के आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थीं, लेकिन एक अनचाहे फोन कॉल ने उनका संसार ही उजाड़ दिया। सूचना मिलते ही वे घटनास्थल पर पहुंचीं और पति का शव देखकर बेसुध हो गईं। घर में भी कोहराम मच गया।
पीछे छूट गईं दो मासूम बेटियाँ
राहुल की मौत से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। राहुल लगभग एक साल से बीकानेर में तैनात थे और छुट्टी पर घर आए हुए थे। वह अपने माता-पिता, पुलिसकर्मी पत्नी प्रीति, 10 वर्षीय बेटी युक्ति और 5 वर्षीय कीर्ति को बिलखता छोड़ गए हैं। पिता जगबीर सिंह ने भारी मन से बताया कि उनका छोटा बेटा राहुल बेहद होनहार था और कुछ ही दिन पहले, 1 दिसंबर को छुट्टी लेकर घर वापस आया था। बड़े बेटे कौटिल्य भी बीकानेर में प्राइवेट काम करते हैं, लेकिन अब घर का सहारा रहा छोटा बेटा हमेशा के लिए चला गया।














