
तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और तमिलगा वेत्त्रि कझगम (TVK) के प्रमुख विजय ने शनिवार को अपनी राज्यव्यापी राजनीतिक यात्रा का आगाज़ कर दिया है। 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से पहले इसे उनके चुनावी अभियान की शुरुआत माना जा रहा है। इस दौरान अरियालुर में आयोजित एक रैली में विजय ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) के विचार को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और प्रस्तावित परिसीमन (delimitation) को दक्षिण भारत को कमजोर करने की साजिश बताया।
विजय ने कहा कि यह प्रस्ताव देश की संघीय संरचना को कमजोर करने वाला है। उन्होंने दावा किया कि इसका उद्देश्य राज्य सरकारों को भंग कर एक साथ चुनाव कराना है ताकि सत्ता में बैठी पार्टी को चुनावी धांधलियों का मौका मिले और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया जा सके।
उन्होंने कहा, “वन नेशन, वन इलेक्शन के नाम पर वे सभी राज्य सरकारों को भंग करने की सोच रहे हैं। उन्हें लगता है कि वे एक साथ चुनाव करवा कर कई हेराफेरियाँ कर सकते हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है।”
परिसीमन से दक्षिण को खतरा
विजय ने प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को भी गहरा षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया विपक्षी दलों की राजनीतिक ताकत को सीमित करने के लिए लाई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दक्षिण भारत के राज्यों की राजनीतिक हिस्सेदारी इससे बुरी तरह प्रभावित होगी।
“SIR (Special Intensive Revision) और परिसीमन की प्रक्रिया, बीजेपी की भारत के कोने-कोने में चल रही धोखाधड़ी का हिस्सा है। बिहार में 60 लाख वोटर्स लिस्ट से गायब हैं — सोचिए कितनी क्रूर है यह सरकार।”
डीएमके सरकार पर भी बरसे विजय
विजय ने इस मौके पर राज्य की सत्तारूढ़ डीएमके सरकार को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि जनता ने भरोसे में लेकर डीएमके को सत्ता में लाया, लेकिन पार्टी ने अपने 500 से ज्यादा चुनावी वादों को पूरा नहीं किया। उन्होंने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
“आप और मैंने, दोनों ने भरोसा किया कि डीएमके अच्छा करेगी। लेकिन क्या उन्होंने अपने वादों को पूरा किया? डीजल के दाम कम करने, महिलाओं के लिए नौकरी आरक्षण, स्टूडेंट लोन माफ करने जैसे वादे कहां हैं?”
'राजनीति मेरी कमाई का जरिया नहीं'
अपनी भावनात्मक अपील में विजय ने स्पष्ट किया कि राजनीति में उनका प्रवेश निजी लाभ के लिए नहीं है। “मुझे राजनीति से पैसे कमाने की ज़रूरत नहीं। मैंने जो कुछ पाया है, वह आपसे ही पाया है। मैं सिर्फ आपकी सेवा करना चाहता हूँ — और कुछ भी नहीं।”
विजय का यह बयान उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। वे अपनी पार्टी TVK के ज़रिए राज्य की मौजूदा सरकार और केंद्र की नीतियों, दोनों को कठघरे में खड़ा करते नज़र आ रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विजय की यह यात्रा सिर्फ चुनावी अभियान नहीं बल्कि तमिल राजनीति में एक नई लहर की शुरुआत हो सकती है।














