
तमिलनाडु के करूर में मची भगदड़ के बाद अभिनेता और तमिलगा वेत्रि कषगम (TVK) प्रमुख विजय ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की कि इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। गौरतलब है कि शनिवार को हुए इस हादसे में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने पहले ही मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया था।
रैली में उमड़ा जनसैलाब और मचा हड़कंप
शनिवार को विजय की अगुवाई में एक विशाल राजनीतिक रैली आयोजित की गई थी। जहां लगभग 10 हजार लोगों की भीड़ की उम्मीद थी, वहीं आंकड़ा 27 हजार से भी अधिक हो गया। लोग सुबह से ही अभिनेता-से-राजनेता बने विजय की प्रतीक्षा कर रहे थे। भीषण गर्मी और भूख-प्यास से बेहाल समर्थक देर शाम तक जुटे रहे। विजय करीब सात बजे मंच पर पहुंचे, और भाषण के दौरान अचानक कई लोग बेहोश होकर गिरने लगे। इसके चलते अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई। इस भयावह घटना में 39 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 100 लोग घायल हुए।
केंद्र ने दी हर संभव मदद का आश्वासन
इस हादसे के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यपाल आर.एन. रवि और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली। शाह ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु को आवश्यक हर तरह की मदद मुहैया कराएगी। साथ ही गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
विपक्ष ने सरकार और पुलिस पर उठाए सवाल
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अन्नाद्रमुक महासचिव के. पलानीस्वामी ने इस हादसे के लिए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही का परिणाम है। पलानीस्वामी के अनुसार यदि प्रशासन ने समय रहते पर्याप्त एहतियाती कदम उठाए होते तो इतनी बड़ी त्रासदी को टाला जा सकता था।
उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए बताया कि बिजली आपूर्ति बाधित होने से वहां अफरा-तफरी और भगदड़ की स्थिति बनी। उन्होंने कहा कि टीवीके पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं और जनता की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए था, खासकर तब जब वह पहले भी चार बड़े आयोजन कर चुकी है।
हादसे ने छेड़ी राजनीतिक बहस
करूर की यह घटना तमिलनाडु की राजनीति में नई बहस को जन्म दे चुकी है। एक ओर विजय ने उदार कदम उठाते हुए मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे प्रशासनिक लापरवाही बता रहा है। अब देखना होगा कि इस त्रासदी के बाद राज्य सरकार और राजनीतिक दल आगे क्या कदम उठाते हैं।














