
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अरावली क्षेत्र में चल रहे अवैध खनन और सरकार के इस मामले में उठाए जा रहे कदमों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। डोटासरा ने कहा कि जब वर्तमान सरकार सत्ता में आई थी, तब सिर्फ सात दिनों के लिए कोई कार्यक्रम चला और इसके बाद पूरी प्रक्रिया पर रोक लग गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री स्वयं खान मंत्री भी हैं, और अब अधिकारियों का हिस्सा पहले से तय हो चुका है।
डोटासरा ने आगे कहा कि जहां-जहां अवैध खनन हो रहा है, वहाँ बीजेपी के मंत्री और उनके विधायक सीधे तौर पर शामिल हैं। पहले खनन क्षेत्रों में बदलाव किया जाता था, लेकिन अब अरावली पर्वत को ही माफियाओं के हवाले कर दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि रोज़ाना खबरों में आप देख सकते हैं कि पहाड़ केवल दो साल में गायब हो गए हैं। डोटासरा ने स्वीकार किया कि पहले भी अवैध खनन हुआ होगा, लेकिन उस समय सरकारें कम से कम रोकने की कोशिश करती थीं और नियमों के उल्लंघन पर अंकुश लगाने का प्रयास करती थीं।
'अरावली पर्वत को भी नहीं छोड़ रहे'
पीसीसी चीफ ने कहा कि यह पहली सरकार है, जो खनन माफियाओं को खुली छूट दे रही है और अरावली पर्वत को भी सुरक्षित नहीं रख रही। उन्होंने दावा किया कि अरावली क्षेत्र में 52 टेंडर पहले ही जारी कर दिए गए हैं। डोटासरा ने पूछा कि यह निर्णय आया एक महीने से भी कम समय में, फिर कैसे इतनी जल्दी बिड निकाली गई, टेंडर कर दिए गए और खनन के दस्तावेज तैयार कर लिए गए?
राजस्थान में भ्रष्टाचार का तांडव
डोटासरा ने आरोप लगाया कि हजारों खानों को, जो पहले बंद थे और अवैध कानून की श्रेणी में आते थे, अब रेगुलराइज करने का काम भी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भ्रष्टाचार का तांडव इस पर्ची सरकार के तहत जारी है। पीसीसी चीफ ने यह भी कहा कि विधानसभा का सत्र आने वाला है, और वहां टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस अरावली संबंधी फैसलों के लिए सरकार को मजबूर करेगी।














