
राजस्थान से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जिस तरह अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ, उसी तरह मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों की वर्षों पुरानी आस्था साकार होगी। उन्होंने कहा कि देशभर के संतों, आध्यात्मिक गुरुओं और सनातन परंपरा को मानने वालों की यही भावना है कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की पवित्रता अक्षुण्ण बनी रहे। उस स्थल पर बाबर, हुमायूं, औरंगजेब या उनके वंशजों से जुड़ा कोई भी चिन्ह नहीं होना चाहिए। जिन शासकों ने देश को लूटा, धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया और जनभावनाओं को आहत किया, उनकी स्मृतियां उस भूमि से जुड़ी नहीं रहनी चाहिए। वह स्थान केवल और केवल भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के रूप में ही प्रतिष्ठित रहना चाहिए।
“श्रीकृष्ण भक्तों की आस्था को मिलेगा सम्मान”
विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी ने स्वीकार किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में भव्य व दिव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हो पाया। उसी क्रम में उनका विश्वास है कि आने वाले समय में मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों की इच्छा पूरी होगी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कृष्ण भक्त हैं और मंदिर सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। जरूरत पड़ी तो ईंट-ईंट जोड़ने से लेकर हर स्तर पर योगदान देने के लिए तैयार हैं। उनका कहना था कि यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि आस्था और सांस्कृतिक चेतना से जुड़ा विषय है।
तीन विधायकों ने समिति के सामने रखा पक्ष
इधर राजस्थान में विधायक फंड से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में एथिक्स कमेटी के चेयरमैन कैलाश वर्मा और विधायक बालमुकुंद आचार्य के समक्ष तीन विधायक पेश हुए। इस पर कैलाश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि तीनों विधायकों ने समिति के सामने अपना पक्ष रखा है। कुछ बिंदुओं पर लिखित जवाब भी सौंपे गए हैं, जिन्हें जांच के दौरान शामिल किया जाएगा।
15–20 दिनों में निपटारे का भरोसा
कैलाश वर्मा ने कहा कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि सामने आए स्टिंग वीडियो को एक विधायक ने भ्रामक करार दिया है। समिति सभी पहलुओं की पड़ताल के बाद 15 से 20 दिनों के भीतर मामले को सुलझाने का प्रयास करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम कर रही है और उसी के अनुरूप निर्णय लिया जाएगा।
“भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं”
भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने दो टूक कहा कि यदि किसी भी विधायक द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है, तो उस पर कार्रवाई निश्चित है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार की नीति स्पष्ट है—भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर चलते हुए दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, चाहे वे किसी भी पद या प्रभाव में क्यों न हों।














