
पंजाब के मोहाली में बुधवार, 6 अगस्त को फेज-9 औद्योगिक क्षेत्र में एक ऑक्सीजन प्लांट में जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। इस भयानक हादसे में दो मज़दूरों – देवेंद्र और आसिफ – की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
घटना की तीव्रता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विस्फोट की आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और पुलिस, दमकल विभाग व जिला अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया।
कैसे हुआ विस्फोट? जांच में सामने आई चौंकाने वाली बात
प्रारंभिक जांच के अनुसार हादसा उस समय हुआ जब प्लांट में ऑक्सीजन सिलेंडर को भरा जा रहा था। जानकारी के मुताबिक, सिलेंडर में जरूरत से ज्यादा दबाव भर जाने के कारण वह फट गया और जोरदार धमाका हो गया। विस्फोट इतना तेज था कि न केवल प्लांट को व्यापक क्षति पहुंची बल्कि आस-पास की इमारतों की खिड़कियों और शीशों तक को नुकसान हुआ।
विस्फोट के समय फैक्ट्री के भीतर मौजूद अन्य कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। जो लोग घायल हुए, उन्हें तुरंत एंबुलेंस की सहायता से नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। मृतकों की पहचान देवेंद्र और आसिफ के रूप में हुई है, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
घटना के बाद हंगामा, लोगों ने उठाई लापरवाही की आवाज़
हादसे के तुरंत बाद फैक्ट्री के बाहर गुस्साए लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री प्रबंधन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कुछ स्थानों पर हाथापाई और बहस की भी स्थिति उत्पन्न हो गई। लोगों का कहना है कि इस प्लांट में सुरक्षा मानकों की लगातार अनदेखी होती रही है और पहले भी हादसे की आशंका जताई गई थी।
विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद फैक्ट्री प्रशासन ने सुरक्षा इंतज़ामों को गंभीरता से नहीं लिया। कई मजदूरों ने पहले भी प्रबंधन को खतरनाक स्थितियों की ओर ध्यान दिलाया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन सतर्क, जांच शुरू
पुलिस ने भीड़ को शांत करने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लिया और पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है। मौके से सबूत जुटाए जा रहे हैं और विस्फोट के कारणों की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने यह आश्वासन दिया है कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवारों को यथासंभव सहायता मुहैया कराई जाएगी।
जिला प्रशासन की ओर से जांच कमेटी गठित कर दी गई है जो यह पता लगाएगी कि हादसे की जड़ में क्या लापरवाही थी। साथ ही अन्य फैक्ट्रियों को भी सतर्क कर दिया गया है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।














