
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात और पंजाब उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी और कांग्रेस—दोनों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब बीजेपी की विपक्ष नहीं रही, बल्कि खुद उसकी गोद में बैठ गई है। उन्होंने जनता के सामने खुलासा किया कि कांग्रेस ने ‘आप’ के साथ एक तय समझौता तोड़कर विश्वासघात किया है।
केजरीवाल ने विसावदर (गुजरात) और लुधियाना वेस्ट (पंजाब) उपचुनाव में मिली दोहरी जीत पर आयोजित जश्न कार्यक्रम में कहा, "गुजरात में कांग्रेस से एक समझौता हुआ था, जिसके तहत हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई और चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन कांग्रेस ने एकतरफा तरीके से अपनी शर्त तोड़ दी। यह विश्वासघात था।"
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद उनके पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे, और 'आप' के भी एक विधायक बीजेपी में गया था। इस पर दोनों पार्टियों ने आपसी सहमति से यह तय किया था कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा या नहीं लड़ेगा। लेकिन कांग्रेस ने वादा तोड़ते हुए आप की सीट पर अपना उम्मीदवार उतार दिया।
"बीजेपी से आदेश आया, कांग्रेस मना नहीं कर सकी": केजरीवाल
केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "बीजेपी से आदेश आया और कांग्रेस मना नहीं कर सकी। कांग्रेस ने हमारी पार्टी को धोखा दिया। यह दिखाता है कि कांग्रेस अब विपक्ष में नहीं रही, वह सत्ताधारी पार्टी की मदद कर रही है।"
"कांग्रेस की टॉप लीडरशिप BJP से मिली हुई है"
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बावजूद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बीजेपी के साथ मिला हुआ है। उन्होंने कहा, “जो नेता मंच से शादी वाले घोड़े और रेस वाले घोड़े की बातें करते हैं, वही पर्दे के पीछे जाकर बीजेपी से हाथ मिला लेते हैं। मैं यह पूरी ज़िम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि कांग्रेस की टॉप मोस्ट लीडरशिप बीजेपी के साथ मिली हुई है।”
“हमने सीट छोड़ी, वो फिर भी हार गए… और हम जीत गए”
केजरीवाल ने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए कहा, “हमने पांचों सीटें छोड़ दीं, फिर भी कांग्रेस हार गई। जबकि उन्होंने हमारे खिलाफ उम्मीदवार उतारा और हम फिर भी जीत गए। इसका मतलब जनता अब बदलाव चाहती है – सच्ची और साफ़ राजनीति चाहती है।”














