
मुंबई के पवई इलाके से गुरुवार दोपहर एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। दोपहर करीब 1:45 बजे आरए स्टूडियो में शूटिंग के माहौल के बीच अचानक अफरातफरी मच गई — जब 17 मासूम बच्चों को एक व्यक्ति, रोहित आर्या, ने बंधक बना लिया। करीब तीन घंटे तक चला यह हाई-वोल्टेज ड्रामा अंततः पुलिस के ऑपरेशन के बाद खत्म हुआ, लेकिन आरोपी रोहित की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
कौन था रोहित आर्या?
पुलिस जांच में सामने आया कि रोहित आर्या खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा व्यक्ति बताता था। गुरुवार को आरए स्टूडियो में 8 से 14 साल के बच्चों का वेब सीरीज ऑडिशन चल रहा था। इसी दौरान उसने स्टूडियो का दरवाजा बंद कर सभी बच्चों को बंधक बना लिया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंचीं। पहले प्रयास बातचीत से मामला सुलझाने का था, लेकिन जब आर्या ने बच्चों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी, तो पुलिस को जबरन कार्रवाई करनी पड़ी। मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से रोहित गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर वीडियो — अपनी “बात” कहना चाहता था रोहित
घटना से कुछ समय पहले ही रोहित आर्या ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने अपने इस कदम की वजह बताई थी। वीडियो में वह कहता नजर आया — “मैं आत्महत्या नहीं करना चाहता था। इसलिए मैंने यह तरीका चुना ताकि अपनी बात देश तक पहुंचा सकूं। मैंने पैसे नहीं मांगे हैं, मैं आतंकवादी नहीं हूं। मेरी कुछ सामान्य मांगे हैं और मैं बस कुछ सवाल पूछना चाहता हूं।”
उसका कहना था कि उसे आत्महत्या की ओर धकेला जा रहा है, लेकिन वह पहले अपनी बात सामने रखना चाहता है।
रोहित आर्या की शिकायतें — सरकार से नाराजगी और बकाया भुगतान का विवाद
रोहित आर्या ने महाराष्ट्र शिक्षा विभाग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उसने कहा कि “मेरा स्कूल, सुंदर स्कूल” अभियान के तहत चलाए जा रहे पीएलसी सैनिटेशन मॉनिटर प्रोजेक्ट में उसने काम किया था, जिसके 2 करोड़ रुपये का भुगतान विभाग की ओर से रोका गया।
आर्या का दावा था कि वह कई बार अधिकारियों से संपर्क कर चुका था, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि उसने दो बार भूख हड़ताल भी की थी। उसने यह भी कहा कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने उसे 7-8 लाख रुपये का चेक दिया था और बाकी राशि बाद में देने का आश्वासन दिया था, जो अब तक नहीं मिला।
ऑपरेशन का अंत — बच्चे सुरक्षित, आरोपी की मौत
करीब तीन घंटे चली इस पूरी घटना के दौरान पुलिस ने संयम और सतर्कता दोनों दिखाए। एनकाउंटर के बाद सभी 17 बच्चे सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए और उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया गया। मृतक रोहित के पास से पुलिस को कुछ केमिकल पदार्थ, एयर गन और दस्तावेज़ भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच जारी है।
जांच जारी, कई सवाल बाकी
अब पुलिस इस पूरे प्रकरण की तह तक जाने की कोशिश कर रही है —
क्या रोहित मानसिक रूप से तनाव में था?
क्या वाकई उसे बकाया राशि नहीं मिली थी?
या यह सब किसी बड़े विरोध या प्रदर्शन की योजना थी?
मुंबई पुलिस ने कहा है कि सभी एंगल से जांच जारी है और वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट और स्टूडियो के CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है।














