
महाराष्ट्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन कर दिया है। यह बदलाव मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र, छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान में किया गया है। इससे पहले औरंगाबाद शहर और रेलवे स्टेशन का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था। यह कदम महाराष्ट्र सरकार की सिफारिश और केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद उठाया गया है।
औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का इतिहास
औरंगाबाद रेलवे स्टेशन की स्थापना 1900 में हुई थी और इसे हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान ने बनवाया था। यह स्टेशन काचीगुडा-मनमाड खंड पर स्थित है और दशकों से शहर और यात्रियों के लिए अहम केंद्र रहा है। 15 अक्टूबर को जारी गजट अधिसूचना के साथ अब स्टेशन का आधिकारिक नाम छत्रपति संभाजीनगर ही होगा, जो सभी प्रशासनिक दस्तावेजों और यात्रा टिकटों में दर्ज किया जाएगा।
The Name of 'Aurangabad' Railway Station changed as 'Chhatrapati Sambhajinagar' Railway Station: South Central Railway pic.twitter.com/oq3QpltovG
— ANI (@ANI) October 26, 2025
नाम परिवर्तन की प्रक्रिया और उद्देश्य
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह बदलाव महाराष्ट्र सरकार की अनुशंसा और गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद किया गया। नया नाम छत्रपति संभाजीनगर मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और उनके ऐतिहासिक योगदान को सम्मान देने के लिए चुना गया है। रेलवे ने सभी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया है और अब सभी प्लेटफॉर्म, साइनबोर्ड और ट्रेनों में नया नाम इस्तेमाल किया जाएगा।
शहर का नाम पहले ही बदला जा चुका है
इससे पहले, केंद्र सरकार ने 2022 में औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने की मंजूरी दी थी। अब रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के साथ ही यह प्रक्रिया पूरी हो गई है, और शहर व स्टेशन दोनों का नाम ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्मान के अनुरूप हो गया है।














