
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लाल किले के पास हुए धमाके के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश सीधे युद्ध में भारत को हरा नहीं सकता, इसलिए वह आतंकवादी हमलों का सहारा ले रहा है। फडणवीस ने स्पष्ट किया, "पाकिस्तान जानता है कि खुले युद्ध में भारत को हराना उसके लिए असंभव है, इसलिए उसने पहले पहलगाम में हमला करवाया और हाल ही में दिल्ली में विस्फोट करवाया।" उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की तारीफ करते हुए बताया कि व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया, जिसमें 3000 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुए थे। इनका इस्तेमाल मुंबई और देश के अन्य शहरों में हमले के लिए किया जाना था।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "मुझे गर्व है कि आज हमारे पास एक मजबूत और सतर्क भारत है। हमारी एजेंसियों ने पहले ही इन आतंकियों की योजना भांप ली थी और समय रहते कार्रवाई की। उनकी मंशा देश के हर कोने में धमाके करने की थी, और मुंबई सहित कई प्रमुख शहर उनके निशाने पर थे। जब हमारी एजेंसियों ने उन्हें घेरा, तो उन्होंने दिल्ली में धमाके करके अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।" उन्होंने बताया कि इस विस्फोट में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई।
ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत पर जोर
फडणवीस ने शनिवार को कहा कि अगर 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले के बाद तत्काल ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई की जाती, तो दुश्मनों को दोबारा भारत पर हमला करने का साहस नहीं होता। मुंबई हमले की 17वीं बरसी पर गेटवे ऑफ इंडिया पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमला सिर्फ ताज और ट्राइडेंट होटलों तक सीमित नहीं था। मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है और इस शहर पर हमला देश की संप्रभुता पर हमला है।
पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर उस समय हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाने का साहस किया होता, तो कोई भी दुश्मन हम पर दोबारा हमला करने का दुस्साहस नहीं करता।" उन्होंने याद दिलाया कि अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर के तहत सैन्य कार्रवाई की थी। मुंबई हमले में कम से कम 166 लोग मारे गए थे।
फडणवीस ने कहा, "17 साल बीत गए हैं, लेकिन हमारे दिलों में अभी भी दर्द है। हम शहीदों और वीरों को श्रद्धांजलि देने यहां एकत्र हुए हैं। आतंक का खतरा अभी भी बरकरार है और हमें सतर्क रहना होगा। हमें अपने देश की आंख और कान बनना होगा। यदि हम एकजुट हैं, तो ही हम सुरक्षित रह सकते हैं।"














