
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बयानबाजी चर्चा का विषय बन गई है। इस बार बीजेपी के एक विधायक ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर ऐसा बयान दे दिया है, जो सुर्खियों में छा गया है और बहस का मुद्दा भी बन गया है। विधान परिषद के सदस्य परिणय फुके ने सदन में बोलते हुए सीएम फडणवीस की तुलना सीधे-सीधे भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का चरित्र भगवान श्रीराम जैसा है—नैतिकता और मर्यादा में डूबा हुआ—और उनकी बुद्धि श्रीकृष्ण जैसी—चतुर, रणनीतिक और दूरदर्शी।
परिणय फुके ने अपने बयान में आगे यह भी जोड़ दिया कि देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र को एक नई दिशा दी है, एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया है और राज्य को देश के सबसे आगे रहने वाले राज्यों में ला खड़ा किया है। यह सब उनके नेतृत्व की स्पष्ट झलक है।
'राम, कृष्ण और महादेव की तरह हैं सीएम फडणवीस'
विधायक परिणय फुके का यह बयान और भी भावुक हो गया जब उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वास्तव में किसी ईश्वर तुल्य व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता कि वह भगवान हैं या नहीं, लेकिन मुझे लगता है कि वह एक ऐसे इंसान हैं जिनमें भगवान जैसे गुण हैं। उनका स्वभाव श्रीराम जैसा सौम्य, बुद्धि श्रीकृष्ण जैसी तीव्र और सहनशीलता महादेव जैसी है—जैसे वे विष भी पी सकते हैं, फिर भी शांत रहते हैं।"
यह बात उन्होंने एक आत्मीयता और श्रद्धा के साथ कही, जैसे कोई अपने मार्गदर्शक के लिए कहता है। उन्होंने भावुक होकर कहा, “हम तो उनके भजन गाते हैं।”
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, फुके ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के भीतर सूर्य जैसा तेज है, जो ऊर्जा देता है, और चंद्रमा जैसी शांति है, जो सुकून देती है। इन शब्दों से साफ झलकता है कि उन्होंने सीएम फडणवीस को सिर्फ नेता नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रेरणा स्वरूप मान लिया है।
नागपुर विधान भवन को मिलेगा नया विस्तार
राजनीतिक चर्चा के साथ ही राज्य के विकास से जुड़ी बड़ी योजना का ऐलान भी हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार, 16 जुलाई को घोषणा की कि नागपुर विधान भवन का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए एक नए प्रशासनिक परिसर की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है, जिसे मशहूर आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर ने प्रस्तुत किया।
इस प्रस्ताव के अनुसार, नागपुर विधान भवन के परिसर में एक भव्य 7 मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा, जिसमें आधुनिकता के साथ-साथ पुराने भवन की ऐतिहासिक स्थापत्य कला को भी बरकरार रखा जाएगा। इस नए भवन में केंद्रीय कक्ष, विधानसभा कक्ष, विधान परिषद कक्ष के अलावा मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद सभापति और विपक्ष के नेताओं के कार्यालय भी एक ही छत के नीचे होंगे।














