
मध्य प्रदेश के इंदौर में इस साल विजयादशमी का नजारा बिल्कुल अलग होगा। परंपरागत रूप से होने वाले रावण दहन की जगह इस बार महालक्ष्मी मेला ग्राउंड पर एक नया आयोजन होने जा रहा है। पत्नी पीड़ित पुरुषों के संगठन पौरुष ने ‘शूर्पणखा दहन’ की अनूठी पहल की है। संस्था का कहना है कि समाज को यह समझना जरूरी है कि अपराध केवल पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी कर सकती हैं। इसलिए ऐसी महिलाओं को भी बेनकाब किया जाना चाहिए, जिन्होंने अपने पतियों या बच्चों के साथ जघन्य अपराध किए हैं।
11 मुख वाला पुतला और महिला अपराधियों के पोस्टर
संस्था की ओर से तैयार किए गए विशेष पुतले में 11 मुख बनाए गए हैं। हर मुख पर उन महिला अपराधियों के चेहरे लगाए जाएंगे, जिन पर अपने ही परिवार के सदस्यों की हत्या जैसे गंभीर आरोप हैं। इनमें सबसे चर्चित नाम सोनम रघुवंशी का है। सोनम पर आरोप है कि उसने हनीमून के दौरान शिलांग में अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या कर दी थी। इस वजह से रावण की जगह इस बार उसके चेहरे वाला पुतला दहन होगा। सोशल मीडिया पर इस आयोजन के पोस्टर ‘आधुनिक कलयुगी शूर्पणखाएं’ शीर्षक से तेजी से वायरल हो रहे हैं।
पुरुष अधिकारों की आवाज
पौरुष संस्था का कहना है कि लंबे समय से समाज में पुरुषों की पीड़ा और उनके खिलाफ हो रहे अन्याय को नजरअंदाज किया जाता रहा है। संस्था ने निर्णय लिया है कि इस बार दशहरे पर रावण नहीं बल्कि उन महिलाओं के प्रतीक पुतले जलाए जाएंगे, जिनके अपराधों ने पारिवारिक मूल्यों को ध्वस्त किया। संगठन मानता है कि यह पहल समाज में नई बहस को जन्म देगी और पुरुष पीड़ितों की आवाज को ताकत मिलेगी। आयोजन 2 अक्टूबर की शाम साढ़े 6 बजे तय किया गया है।
सोनम केस फिर चर्चा में
इस बीच, हाई प्रोफाइल शिलांग हनीमून मर्डर केस भी फिर सुर्खियों में आ गया है। इस मामले में ईस्ट खासी हिल्स पुलिस ने 790 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। सोनम के वकील ने चार्जशीट की कई बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए अदालत में जमानत याचिका दाखिल की है। स्थानीय अदालत में इस पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है।
पूरे शहर में चर्चा
दशहरे पर होने वाला यह पहला ‘शूर्पणखा दहन’ इंदौर की जनता के बीच गहन चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर संस्था इसे सामाजिक संदेश और पुरुषों की आवाज से जोड़ रही है, वहीं दूसरी ओर सोनम जैसे हाई प्रोफाइल मामले का नाम इस आयोजन को और ज्यादा विवादित व चर्चित बना रहा है।














