
अभिनेता दुलकर सलमान ने हाल ही में अपनी लक्ज़री गाड़ी की जब्ती के खिलाफ केरल हाईकोर्ट का रुख किया है। यह कार्रवाई कस्टम विभाग द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन "नुमखोर" के तहत की गई, जो कि देश में बिना टैक्स चुकाए लाई गई हाई-एंड गाड़ियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान है।
इस याचिका में दुलकर सलमान ने बताया कि उन्होंने जिस 2004 मॉडल लैंड रोवर डिफेंडर को खरीदा, वह वैध रूप से पंजीकृत था और उन्हें विश्वास था कि विक्रेता के पास सभी जरूरी दस्तावेज मौजूद थे। उन्होंने दावा किया कि उनके प्रतिनिधियों ने सभी जरूरी कागज़ात अधिकारियों को सौंपे थे, लेकिन 23 सितंबर, 2025 को गाड़ी को बिना किसी ठोस पूछताछ या रसीद के जब्त कर लिया गया।
दुलकर ने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया में जिस तरह से उनकी गाड़ी को तस्करी, नशीली दवाओं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल वाहनों के साथ जोड़कर दिखाया गया, उससे उनकी सार्वजनिक छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह गाड़ी इंटरनेशनल कमिटी ऑफ रेड क्रॉस (ICRC) द्वारा नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय के लिए शिप की गई थी और विधिवत तौर पर कस्टम बिल के माध्यम से देश में लाई गई थी। इस आधार पर उन्होंने कहा कि गाड़ी की जब्ती उचित नहीं थी, खासकर बिना दस्तावेजों की पूरी तरह जांच किए।
केरल हाईकोर्ट ने कस्टम विभाग को मामले में 30 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इस बीच, कस्टम्स विभाग ने पूरे राज्य में ऑपरेशन "नुमखोर" के तहत 36 लक्ज़री गाड़ियों को जब्त किया है, जिनमें से दो गाड़ियां दुलकर सलमान की बताई गई हैं। अभियान का नाम 'नुमखोर' भूटानी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'वाहन'। इस ऑपरेशन के तहत यह आरोप है कि गाड़ियां भूटान जैसे पड़ोसी देशों से बिचौलियों के ज़रिए भारत लाई गईं और यहां बिना टैक्स चुकाए बेची गईं।
कस्टम अधिकारियों ने कोच्चि में दुलकर सलमान, पृथ्वीराज सुकुमारन और अमित चकल्लाकल के घरों में भी जांच की। हालांकि अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि अभिनेताओं की संलिप्तता केवल जांच के बाद ही तय होगी, जब उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।
अब उन सभी मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिनकी गाड़ियों के दस्तावेज संदिग्ध हैं। वैध कागज़ात पेश नहीं करने पर गाड़ियां कस्टडी में ही रहेंगी और जांच जारी रहेगी।














