
कर्नाटक के मंगलुरु स्थित मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) में शनिवार को एक दर्दनाक औद्योगिक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। जहरीली गैस के रिसाव से दो कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। यह हादसा एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
टैंक की जांच के दौरान हुआ हादसा
यह दुर्घटना एमआरपीएल की ऑयल मूवमेंट सेक्शन (OMS) में उस समय हुई जब कर्मचारी एक टैंक (FIBI7029) में आई तकनीकी खराबी की जांच कर रहे थे। मृतक कर्मचारियों की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी दीप चंद्र भारती और केरल के बिजली प्रसाद के रूप में हुई है। दोनों निरीक्षण कार्य के लिए टैंक के ऊपरी हिस्से में गए थे, जहां वे जहरीली गैस की चपेट में आ गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
बचाने की कोशिश में तीसरा कर्मचारी भी चपेट में आया
दोनों को बचाने पहुंचे एक अन्य कर्मचारी विनायक मायागेरी, जो कर्नाटक के गदग जिले से हैं, भी गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए। उन्हें मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
जांच के लिए उच्च-स्तरीय समिति गठित
हादसे के तुरंत बाद एमआरपीएल प्रशासन ने इस घटना की गहन जांच के आदेश दे दिए हैं। एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें समूह महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी शामिल हैं। यह समिति दुर्घटना के कारणों, सुरक्षा मानकों की समीक्षा और खामियों की पहचान करने का कार्य करेगी।
प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे सभी वैधानिक प्राधिकरणों को सहयोग देंगे और जांच में आवश्यक दस्तावेज तथा जानकारी प्रदान करेंगे।
राज्य में लगातार तीसरी बड़ी गैस रिसाव की घटना
यह घटना कर्नाटक में पिछले कुछ महीनों में जहरीली गैस से जुड़ी तीसरी बड़ी दुर्घटना है। जनवरी 2025 में कोप्पल जिले की एक औद्योगिक इकाई में गैस रिसाव से एक श्रमिक की मौत हो गई थी और कई अन्य बीमार पड़े थे। वहीं मई 2024 में मैसूर के यारागनहल्ली इलाके में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत घर में जहरीली गैस की चपेट में आने से हो गई थी।
लगातार हो रही ऐसी घटनाएं न सिर्फ श्रमिकों की सुरक्षा के लिए खतरा बन रही हैं, बल्कि औद्योगिक इकाइयों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर रही हैं।














