
माता वैष्णो देवी के भक्तों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। 26 अगस्त को भूस्खलन के चलते स्थगित हुई यात्रा अब बुधवार, 17 सितंबर से फिर से शुरू हो जाएगी। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मंगलवार (16 सितंबर) को सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी साझा की और श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से ही अपडेट लेते रहें।
दरअसल, 26 अगस्त को हुए भीषण लैंडस्लाइड में 34 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसके बाद एहतियातन यात्रा रोक दी गई थी। श्राइन बोर्ड ने 14 सितंबर को यात्रा फिर से शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन खराब मौसम के चलते इस निर्णय को स्थगित करना पड़ा। अब पूरे 22 दिनों के इंतजार के बाद भक्तों को एक बार फिर माता के दर्शन का अवसर मिलेगा।
श्रद्धालुओं के विरोध प्रदर्शन के बाद आया निर्णय
यात्रा शुरू करने का यह फैसला उस समय लिया गया जब 14 सितंबर को कटरा आधार शिविर में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों ने प्रदर्शन किया। नाराज श्रद्धालुओं ने यात्रा खोलने की मांग करते हुए ‘जय माता दी’ के नारे लगाए और बाणगंगा दर्शनी द्वार से आगे बढ़ने की कोशिश की। यह वही जगह है जहां से यात्रा का शुभारंभ होता है।
महिलाओं सहित सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर की ओर बढ़ने पर अड़े रहे, लेकिन सुरक्षाबल ने कड़ी घेराबंदी करके उन्हें आगे नहीं जाने दिया। कई घंटे तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। अंततः श्राइन बोर्ड को श्रद्धालुओं की भावनाओं को देखते हुए यात्रा खोलने पर निर्णय लेना पड़ा।
2025 में अब तक कितने श्रद्धालु पहुंचे
श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक 52 लाख 48 हजार 862 श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं। इनमें से 2 लाख 34 हजार 994 लोगों ने हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग किया है। ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि हर साल लाखों लोग इस आस्था स्थल से जुड़ते हैं।
गुफा के अंदर किन चीज़ों पर है रोक
श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं को यह भी याद दिलाया है कि पवित्र गुफा में प्रवेश के दौरान कुछ वस्तुओं को ले जाना पूरी तरह वर्जित है। इनमें मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पर्स व हैंडबैग, बेल्ट और चमड़े से बनी किसी भी तरह की वस्तु शामिल है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।














