
ऑपरेशन सिंदूर को शुरू हुए महीनों गुजर चुके हैं। यह अभियान आधिकारिक रूप से समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। मई में चले इस बड़े सैन्य अभियान में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। इसी जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कई आबादी वाले इलाकों पर मिसाइलें दागीं। इतना ही नहीं, उरी का हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन भी दुश्मन देश की सीधी हिट-लिस्ट पर था।
एलओसी के नज़दीक स्थित उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान ने ड्रोन के माध्यम से हमला करने की कोशिश की। लेकिन CISF के सतर्क जवानों ने पलक झपकते ही इस खतरे को हवा में खत्म कर दिया। ड्रोन को ढेर करने के कारण प्रोजेक्ट को कोई भी क्षति नहीं पहुंची और एक बड़ा हादसा होने से बच गया।
वीरता का सम्मान: 19 जवान हुए पुरस्कृत
CISF की इस अदम्य साहसिक कार्रवाई की सराहना करते हुए कुल 19 जवानों को सम्मानित किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के तनावपूर्ण माहौल में इन जवानों ने उरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (UHEP-1 और 2) पर होने वाले ड्रोन हमलों को देर रात नाकाम किया था।
पाकिस्तान की ओर से अचानक शुरू हुई गोलीबारी के बीच इन जवानों ने न केवल मोर्चा संभाला, बल्कि आसपास के ग्रामीणों और स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाकर कई जानें बचाईं। ऐसे हालात में उनका निर्णय, फुर्ती और बहादुरी प्रशंसनीय रही।
वो रात आखिर क्या हुआ था?
नई दिल्ली स्थित CISF मुख्यालय में आयोजित समारोह में डायरेक्टर जनरल ने 19 बहादुर जवानों को सम्मानित करते हुए उस रात की कहानी साझा की। CISF के आधिकारिक बयानों के अनुसार— 6 मई 2025 की रात भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत एलओसी के करीब छिपे आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की, जिसमें कई आतंकी ढेर हुए। इस सैन्य सफलता से भड़के पाकिस्तान ने अंधाधुंध गोलीबारी की शुरुआत कर दी। उसका सीधा लक्ष्य उरी पावर प्रोजेक्ट और आसपास के आम लोग थे।
इस तनावपूर्ण स्थिति में NHPC परिसर की सुरक्षा में तैनात CISF यूनिट ने तुरंत मोर्चा संभाला। टीम का नेतृत्व कमांडर रवि यादव कर रहे थे, जिन्होंने अपने जवानों के साथ मिलकर पहले ड्रोन हमलों को विफल किया और फिर फायरिंग के बीच फंसे नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
उरी पावर प्रोजेक्ट—जवानों की सतर्कता से सुरक्षित
CISF ने जानकारी दी कि उरी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट एलओसी से बेहद नज़दीक होने के कारण हमेशा संवेदनशील माना जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुफिया एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय थीं और सुरक्षा बल हर समय सतर्क थे।
उस रात सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई ड्रोन आसमान में दिखाई दिए थे। CISF जवानों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सभी को हवा में ही मार गिराया। अगर यह ड्रोन लक्ष्य तक पहुंच जाते, तो भारी जनहानि की आशंका थी। जवानों की फुर्ती से हजारों लोगों की जिंदगी सुरक्षित रही।














